Published : Feb 16, 2022, 09:11 AM ISTUpdated : Feb 16, 2022, 02:52 PM IST
मुंबई. डिस्को और रॉक म्यूजिक से रूबरू करवाने वाले संगीतकार बप्पी लाहिड़ी (Bappi Lahiri) का निधन हो गया है। वे 69 साल के थे। बताया जा रहा है कि बप्पी लहरी का निधन रात करीब 11 बजे हुआ। बप्पी लहिरी पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज क्रिटी केयर अस्पताल में चल रहा था। बता दें कि म्यूजिक इंडस्ट्री में बप्पी लहरी को डिस्को किंग कहा जाता था। उनका असली नाम अलोकेश लाहिड़ी था। बप्पी दा इंडस्ट्री में अपनी अलग आवाज और संगीत के लिए पहचाने जाते थे। उन्हें 1975 में आई फिल्म जख्मी से पहचान मिली थी। पॉप म्यूजिक को भारत लाने का श्रेय बप्पी लहरी को ही जाता है। उन्हें डिस्को का आइडिया कैसे आया इस बात का खुलासा उन्होंने खुद एक इंटरव्यू के दौरान किया था। उन्होंने बताया था कि वे डिस्को शब्द बॉलीवुड में लेकर आए थे। नीचे पढ़ें कैसे आया था बप्पी लाहिड़ी को डिस्को का आइडिया...
एक इंटरव्यू के दौरान बप्पी दा ने बताया था कि उस वक्त में आरडी बर्मन का दौर था, वे एक बेहतरीन कम्पोजर थे। सुपरहिट गाने दे रहे थे। तो उन्हें देखकर मैंने सोचा कि मुझे कुछ अलग बनाना चाहिए।
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बप्पी दा ने बताया था- जब फिल्म डिस्को डांसर आई तो उसमें हर गाना एक अलग ही था। सभी गाने डिस्को स्टाइल में थे। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी पर्सनैलिटी को भी अपनी म्यूजिक के हिसाब से बना लिया था।
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बप्पी दा ने बताया था- मुझे देखकर लोग सवाल पूछते है कि मैं ऐसा क्या हूं। लोग पूछते थे कि ये कपड़े, ज्वैलरी ये सब क्यों। उन्होंने बताया था कि मैं बचपन से एल्विस प्रेस्ली का बहुत बड़ा फैन रहा हूं।
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उन्होंने अपने काले चश्मा पहनने को लेकर भी राज खोला था। उन्होंने बताया था कि हॉलीवुड स्टार एल्विस प्रेस्ली के स्टाइल को मैं फॉलो करता था। मैं उनकी तरह कपड़े पहने और उन्हीं की तरह चश्मा भी कैरी किया।
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बप्पी दा ने बताया था कि बचपन से ही मेरा सपना था कि अगर मैं सिंगर या फिर म्यूजिक कम्पोजर बनूं तो मैं अपना एक अलग ट्रेंड बनाऊं, ताकि लोग मुझे पहनाने। मैं अपनी अलग इमेज बनाना चाहता था।
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बप्पी दा ने बताया था- 70 के दशक में काम किया, लेकिन 80 के दशक में ऊपर की मेहरबानी से सबकुछ बहल गया। एक साथ 37 फिल्में आई और उस दौरान कोई म्यूजिक कम्पोजर इतना हिट नहीं था।
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बप्पी साहब एक अलग आवाज और संगीत के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा उनकी एक और पहचान हैं, वो है सोने के ढेर सारे गहने पहनना। दरअसल, मशहूर सिंगर को गोल्ड से लगाव इसलिए क्योंकि वो इसे अपना लक यानी भाग्य मानते हैं।
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बप्पी दा के गाए गाने 'बंबई से आया मेरा दोस्त, आई एम ए डिस्को डांसर, जूबी-जूबी, याद आ रहा है तेरा प्यार, यार बिना चैन कहां रे, तम्मा तम्मा लोगे, आज भी लोगों की जुबां पर चढ़े रहते हैं।