26 रुपए में कंडक्टर की नौकरी करता था एक्टर, पिता थे मिल मजदूर, फिर ऐसे चमकी किस्मत
मुंबई. गुजरे जमाने के एक्टर और कॉमेडियन जॉनी वाकर की 93 बर्थ एनिवर्सरी है। उनका जन्म 11 नवंबर, 1926 को इंदौर में हुआ था। जॉनी वाकर का रियल नाम बदरूदीन जमालुदीन था। एक मिडिल क्लास मुस्लिम फैमिली में जन्में जॉनी बचपन से ही एक्टर बनने का ख्वाब देखा करते थे। 1942 मे उनका पूरा परिवार मुंबई आ गया था। 10 भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर रहे जॉनी परिवार का पेट पालने के लिए बस कंडक्टर की नौकरी करते थे। इस नौकरी के लिए उन्हें 26 रुपए मिलते थे। 300 से ज्यादा फिल्मों में काम करने वाले जॉनी के पिता एक मिल में मजदूरी किया करते थे।
बात दें कि जॉनी को गरीबी की वजह से महज छठवीं क्लास के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। बॉलीवुड में शोहरत कमाने के बाद जॉनी ने अपने सभी बच्चों को विदेश में तालीम दी।
कंडक्टरी करने के दौरान वे यात्रियों का मनोरंजन भी करते थे। उनका टिकट काटने का स्टाइल भी काफी अलग था। एक बार बस में सफर एक्टर बलराज सहानी ने उन्हें देखा और जॉनी की स्टाइल पर वे फिदा हो गए। उन्हें फिल्म 'हलचल' में काम करने मौका मिला। इस फिल्म में उन्होंने एक शराबी की एक्टिंग की थी।
काम करने के दौरान जॉनी वॉकर की मुलाकात फिल्म जगत के मशहूर विलेन एनए अंसारी और के आसिफ के सचिव रफीक से हुई। लगभग 7-8 महीने के स्ट्रगल के बाद जॉनी वॉकर को फिल्म 'आखिरी पैमाने' में एक छोटा सा रोल मिला। जिसके लिए उन्हें 80 रुपए मिले थे।
35 साल के लंबे करियर के दौरान उन्होंने करीब 300 फिल्में की और सिनेमा से संन्यास ले लिया था। हालांकि, ऋषिकेश मुखर्जी के आग्रह पर 'आनंद' और गुलजार के कहने पर 'चाची 420' में उन्होंने काम किया था। अपने अलग अंदाज से लगभग चार दशक तक दर्शकों का मनोरंजन करने वाले एक्टर जॉनी वाकर 29 जुलाई 2003 को दुनिया को अलविदा कह गए।