मुंबई। लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का 92 साल की उम्र में रविवार 6 फरवरी को निधन हो गया। उनकी अंतिम यात्रा शुरू हो गई है। प्रभु कुंज अपार्टमेंट स्थित घर से उनका पार्थिव शरीर शिवाजी पार्क ले जाया जा रहा है, जहां शाम साढ़े छह बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इससे पहले, सेना के जवान लता जी के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर घर से बाहर लाए। बाद में आर्मी, नेवी, एयरफोर्स और महाराष्ट्र पुलिस के जवानों ने उनकी पार्थिव शरीर को कंधा दिया।
लताजी (Lata Mangeshkar) का पार्थिव शरीर फूलों से सजे सेना के ट्रक में रखकर शिवाजी पार्क ले जाया जा रहा है। मुंबई के हजारों लोग लता ताई को अंतिम विदाई देने सड़कों पर उतर आए।
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बता दें कि ब्रीच कैंडी अस्पताल में रविवार सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर लता जी (Lata Mangeshkar) ने अंतिम सांस ली। उनकी पार्थिव देह दोपहर करीब 1.10 बजे उनके पेडर रोड स्थित घर पहुंची थी।
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लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) अपनी बहन उषा और भाई हृदयनाथ के साथ मुंबई के पेडर रोड स्थित प्रभुकुंज में पहले फ्लोर पर रहती थीं। कई सालों से वे यहां रह रही थीं। बहन आशा भोसले भी यहां से कुछ दूरी पर ही रहती हैं।
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नवंबर 2019 में भी लता जी (Lata Mangeshkar) को निमोनिया और सांस की तकलीफ के कारण ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका था। खराब सेहत के कारण करीब 4 साल से उनका रियाज बंद ही था। हालांकि, उन्होंने 2019 में 'सौगंध मुझे इस मिट्टी की' गाना रिकॉर्ड किया था।
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92 साल की लता जी (Lata Mangeshkar) ने 36 भाषाओं में करीब 30 हजार गाने गाए, जो किसी भी गायक के लिए एक रिकॉर्ड है। करीब 1000 से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने अपनी आवाज दी।
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लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को 2001 में संगीत की दुनिया में उनके योगदान के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। इससे पहले भी उन्हें कई सम्मान दिए गए, जिसमें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के सम्मान भी शामिल हैं।
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लता को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों के अलावा दादा साहब फाल्के पुरस्कार और फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, ऑफिसर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से भी सम्मानित किया गया है। उन्होंने साल 1948 से 1974 के बीच 25 हजार से अधिक गाने गाए।