एक कारण से बाथरूम में करना पड़ा था इस एक्ट्रेस का मेकअप, बेटे को जन्म देने के बाद हो गई थी मौत
मुंबई. गुजरने जमाने की एक्ट्रेस स्मिता पाटिल की आज 33वीं डेथ एनिवर्सरी है। पुणे, महाराष्ट्र में जन्मीं स्मिता का 13 दिसंबर, 1986 को 31 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था। स्मिता का करियर काफी छोटा रहा, लेकिन इसी दौरान उन्होंने कई शानदार फिल्में कीं। कुछ ही सालों के करियर में उन्होंने मंथन (1977), भूमिका (1977), आक्रोश (1980), बाजार (1982), नमक हलाल (1982), अर्थ (1982), मंडी (1983), मिर्च मसाला (1985) जैसी यादगार फिल्में दीं। आपको बता दें कि स्मिता का पहला मेकअप आर्टिस्ट द्वारा बाथरूम में किया गया था। इसकी वजह ये थी कि सेट पर लाइट की कमी थी।
स्मिता पाटिल के पर्सनल मेकअप आर्टिस्ट रहे दीपक सावंत की मानें तो उन्होंने स्मिता का पहला मेकअप बाथरूम में किया था। बात 1982 की है, जब फिल्म 'भीगी पलकें' की शूटिंग चल रही थी, जिसका सेट कटक, उड़ीसा में लगा था। इस दौरान स्मिता ने पहले दीपक से सलाह ली कि उन्हें मेकअप करना चाहिए या नहीं? दीपक ने बताया था, "मैंने उनसे कहा कि आप आर्ट फिल्में करती हैं तो कोई बात नहीं, लेकिन यह कमर्शियल फिल्म है और इसमें यदि आप मेकअप करती हैं तो अच्छा होगा।"
दीपक के अनुसार, सेट पर लाइट कम होने के चलते मेकअप नहीं कर सकते थे, इसलिए उन्होंने बाथरूम में स्मिता का पहला मेकअप किया। उन्होंने बताया था, "मैंने बाथरूम में देखा कि वहां एक ट्यूब लाइट थी। मैंने स्मिता को कहा कि यहां मेकअप कर सकते हैं और वे राजी हो गईं। इसके बाद हमने बेसिन के ऊपर प्लाईवुड और उसके ऊपर एक तौलिया डाला। फिर उस पर बैठाकर स्मिता का मेकअप किया गया। इसके बाद जब वे सेट पर गईं तो हर कोई उन्हें देखता ही रह गया।
फिल्मों के साथ ही स्मिता की पर्सनल लाइफ भी हमेशा सुर्खियों में रही। राज बब्बर से शादी करने के बाद उन पर घर तोड़ने तक के आरोप लगे और मीडिया में उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा। उन्होंने राज बब्बर से गुपचुप शादी की थी। इससे पहले वो उनके साथ लिव-इन में भी रही थीं, लेकिन ये शादी ज्यादा समय तक नहीं चली। मां बनने के करीब दो हफ्ते बाद स्मिता पाटिल की मौत हो गई थी। उनके बेटे का नाम प्रतीक है।
अमिताभ बच्चन के मुताबिक, स्मिता को फिल्म नमक हलाल का गाना आज रपट जाएं.. बिल्कुल भी पसंद नहीं था, लेकिन वो फिल्म के लिए कमिटमेंट कर चुकी थीं। इसलिए उन्होंने मजबूरी में इसे किया। इस गाने को वो अपने करियर में शर्मिंदगी की तरह देखती थीं।
एक्टिंग फील्ड में आने से पहले स्मिता पाटिल न्यूज रीडर थीं। इतना ही नहीं, उन्होंने फोटोग्राफी में भी अपनी पहचान बनाई थी।
उनकी करीब 14 फिल्में ('मिर्च मसाला', 'डांस-डांस', 'ठिकाना', 'सूत्रधार', 'इंसानियत के दुश्मन', 'अहसान', 'राही', नजराना', 'आवाम', 'शेर शिवाजी', 'वारिस', 'हम फरिश्ते नहीं', 'आकर्षण' और 'गलियों के बादशाह') मौत के बाद रिलीज हुई थीं।
21 साल की कम उम्र में उन्हें फिल्म 'भूमिका' में संवेदनशील अभिनय करने के लिए नेशनल अवॉर्ड दिया गया था।