ईडी के छापे में मिले डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, पार्थ और अर्पिता ने 21 जनवरी, 2012 को एक फ्लैट खरीदा जो दोनों के नाम ज्वांइट प्रॉपर्टी है। पार्थ के साथ अर्पिता की नजदीकियों ने उसे धन-दौलत-शोहरत सबकुछ दिया, जिसे वो तलाश रही थी। कहा जाता है कि पार्थ अपनी ज्यादातर प्रॉपर्टी अर्पिता के नाम से ही खरीदने लगे थे।