बाइक की टंकी पर बैठा था बच्चा और पीछे पत्नी, सिपाही खतरनाक ढंग से बाइक भगा रहा था और फिर..

कांकेर, छत्तीसगढ़. यह हादसा अलर्ट करता है! जरा-सी लापरवाही काल बनकर परिवार पर टूट पड़ती है। यह  भयानक हादसा रविवार सुबह चारामा के बाबुकोहमा के पास नेशनल हाइवे पर हुआ। सिपाही बाइक की टंकी पर अपने 5 साल के मासूम और पीछे पत्नी को बैठाकर बहन के घर जा रहा था। जल्दबाजी के चक्कर में वो खतरनाक तरीके से बाइक भगा रहा था। कुछ लोगों ने आवाज देकर उसे गाड़ी धीमे चलाने की हिदायत दी। लेकिन उसने हंसकर टाल दिया। आगे जाकर उसकी बाइक बेकाबू होकर रांग साइड में पुलिया से जा टकराई। इस एक्सीडेंट में सिपाही और उसकी पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई। लेकिन मासूम चमत्कारिक रूप से बच गया। घटना के बाद मासूम अपने मां-बाप की लाश पर बैठकर घंटों रोता रहा। लोगों ने पुलिस को सूचित किया। एम्बुलेंस मौके पर पहुंची और लाशों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। बच्चे को उसकी बुआ के पास छोड़ा गया है। चंद मिनटों में अनाथ हो गया मासूम...

Asianet News Hindi | Published : Jul 13, 2020 6:18 AM IST
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बाइक की टंकी पर बैठा था बच्चा और पीछे पत्नी, सिपाही खतरनाक ढंग से बाइक भगा रहा था और फिर..

35 वर्षीय सुखदेव मरकाम लोहत्तर थाने में पदस्थ थे। वे अपनी पत्नी शालू(30) और 5 साल के बेटे के साथ भावगीर नवागांव स्थित अपने घर से सिरसिदा जा रहे थे। सिपाही के तीन बच्चे हैं। इनमें से एक बेटी सिरसिदा में उनकी बहन यानी बुआ के पास रहती है। तीनों उसी से मिलने निकले थे।
 

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झीपाटोला के पास अचानक सुखदेव का बाइक को बैलेंस नहीं कर पाए। दरअसल, बच्चा बाइक की टंकी पर बैठा था। यह देखकर कुछ लोगों ने उन्हें गाड़ी धीमे चलाने के लिए भी सचेत किया था। लेकिन आगे जाकर उनकी बाइक रांड साइड में पुलिया से जा टकराई। हादसे के बाद तीनों लोग पुलिया के नीचे भरे पानी में जा गिरे। राहगीरों ने तुरंत तीनों को बाहर निकाला। लेकिन कपल के सिर में गंभीर चोट होने से मौके पर ही मौत हो गई। बेटे को हल्के चोट आई।
 

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सूचना मिलने पर चारामा पुलिस मौके पर पहुंची। मृतकों को एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया। हालांकि तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। पुलिस को मृतक के बारे में पता करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। बाइक के नंबर से उनका पता ट्रेस किया गया। उनकी पहचान अस्पताल में हुई। ट्रैफिक पुलिस ने लाश देखकर पहचान की।
 

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चश्मदीद बताते हैं कि बाइक तेज रफ्तार से थी। हादसे के वक्त सामने से एक कार आ रही थी। हालांकि उसने ब्रेक लगाकर कार रोक दी। जानकारी के मुताबिक, सुखदेव ने पत्नी के इलाज कराने के बहाने 12 जुलाई को एक दिन का अवकाश लिया था।

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हादसे के बाद मासूम अपने मां-बाप की लाश के पास बैठकर सुबकता रहा। लोगों ने उसे चुप कराने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे।

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