रामनवमी के दिन मासूम कन्याओं ने किया दिल को छू लेने वाला काम, थाने पहुंचकर दिखाई दरियादिली

रायपुर. देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में हर रोज बढ़ती जा रही है। वहीं भूखे-प्यासे हजारों गरीब परिवार इधर से उधर भटक रहे हैं। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी की अपील करने के बाद से हर कोई अपने स्तर से इनकी मदद कर रहा है। अब इस मुहिम में हमारे देश के छोटे-छोटे बच्चे भी पीछे नहीं हैं। ऐसी ही एक खबर छत्सीगढ़ से सामने आई है। जहां रामनवमी के दिन इस मासूम कन्यांओ दिल को छू लेने वाला काम किया है। जिनकी लोग खूब सरहाना कर रहे हैं। लोगों ने कहा-यह बेटियां मां दुर्गा का रूप हैं।

Asianet News Hindi | Published : Apr 2, 2020 11:27 AM IST / Updated: Apr 02 2020, 05:06 PM IST
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रामनवमी के दिन मासूम कन्याओं ने किया दिल को छू लेने वाला काम, थाने पहुंचकर दिखाई दरियादिली
छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण से लड़ने मरीजों और भूखें मजदूरों के लिए रामनवमी के दिन मासूम कन्याओं ने अपनी गुल्लकी तोड़कर मदद की। तस्वीर में दिखाई दे रही रही रिया अपने भाई अभय के साथ रायपुर के एक थाने में गुल्लक के पैसों लेकर पुलिस को देने गई। कहने लगी सर इन पैसों से उनकी मदद कीजिए।
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तस्वीर में दिखाई दे रहीं बिलासपुर की रहने वाली 12 वर्षीया रूबी है। जिसने अपने परिजनों के साथ तहसील कार्यालय पहुंचकर तहसीलदार संध्या नामदेव को 1112 रुपए दान किए। कहा-मुख्यमंत्री सहायता कोष कर दीजिए। बता दें कि रूबी के पिता की दो साल पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी। पिता की मौत के बाद इन पैसों को बच्ची ने जमा किया था। लेकिन इस संकट की घड़ी में उसने इनको दान कर दिया।
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तस्वीर में दिखाई देने वाली यह बच्ची 11 साल की योगिता है। जो रामनवमी के दिन अपने पिता के साथ गुल्लक लेकर पुलिस के पास पहुंची। जहां उसने गुल्लक को टीआई को कोरोना से जूझ रहे मरीजों की मदद के लिए दान कर दी।
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ऐसी मिसाल पेश की है मिजोरम एक सात वर्षीय बच्‍चे रोमेल लालमुआसंगा ने। जहां उसने अपने गुल्‍लक तोड़कर 333 रुपये दान दिए।
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पालघर जिले के कोलगांव में रहने वाले दो जुडवा भाइयों ने कई महीनों की मेहनत से जमा किये गए अपने पिगी बैंक के 7775 रुपए कोरोना पीड़ितों के लिए दान कर दिए हैं।
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