दरअसल, जोश, जुनून और जज्बे की यह कहानी उस बेटी की है जिसका जन्म बेहद गरीब परिवार में हुआ। इस बेटी का नाम गीता है जो कि मूल रूप से गरियाबंद जिले छुरा जनपद पंचायत की रहने वाली है। बचपन से ही गीता के दोनों पैरों के पंजे नहीं हैं। माता-पिता दोनों मजदूरी करते हैं, इस स्थिति में नहीं कि वह अपनी बेटी का इलाज करा पाते।