फूड डेस्क : 26 नवंबर को दूध निर्माता वर्गीज कुरियन (Verghese Kurien) की 100वीं जयंती (100th birth anniversary) मनाई जा रही है। उन्हें पूरे देश में 'मिल्कमैन ऑफ इंडिया' (Milkman of India) के नाम से जाना जाता है। उनका जन्म 26 नवंबर 1921 को केरल के कोझिकोड में एक सीरियाई क्रिस्चन परिवार में हुआ था। साल 2012 में 90 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। भारतीय डेयरी संघ के साथ भारत के सभी डेयरी प्रमुखों ने 2014 में डॉ वर्गीज कुरियन को श्रद्धांजलि देने के लिए 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाने का संकल्प लिया। तब से हर साल ये दिन किसी विशेष उद्देश्य से मनाया जाता है। आइए आज दूध दिवस पर हम आपको बताते है, कि आपको दूध को कितनी बार उबालना चाहिए, जिससे उसके पोषक तत्व बने रहें...
दूध में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन D, पोटैशियम समेत कई पोषक तत्व होते हैं। दूध को हमेशा अच्छी सेहत, मजबूती और शारीरिक विकास से जोड़ कर देखा जाता है, इसलिए बच्चों से लेकर बड़ों तक को रोजना दूध पीने की सलाह दी जाती है।
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कई बार हमने देखा है कि लोग दूध से अच्छी मलाई निकालने के लिए बार-बार दूध गरम करते है या फिर बच्चों को देने से पहले भी इसे उबालते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, आपके ऐसा करने से आप दूध को 'जहर' बना रहे हैं।
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कई सारी रिसर्च में यह बाद सामने आ चुकी है कि दूध को देर तक या बार-बार उबालने से उसमें दूध मौजूद पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। जिससे दूध पीने से शरीर को इसका फायदा नहीं पहुंचता है।
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ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि दूध को कैसे गर्म करें कि इसके पोषक तत्व खत्म ना हो? तो आपको बता दें कि एक बार दूध उबालने के बाद दोबारा इसे उबालने नहीं। इसे गर्म करने के लिए जितना दूध आपको पीना है, बस उसे गैस पर 2-3 मिनट के लिए रखकर कोसा या गुनगुना गर्म करें।
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याद रखें कि मछली, बैंगन या प्याज खाने के बाद कभी भी दूध का सेवन ना करें, इससे रिएक्शन हो सकता है और आपकी तबियत ज्यादा खराब हो सकती है।
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ऐसे लोग जिन्हें एसिटिडी या कब्ज का समस्या होती है, उन्हें गर्म दूध नहीं पीना चाहिए। इससे आपको पाचन संबंधी परेशानी बढ़ने लगती है। एसिटिडी से परेशान लोगों को ठंडा दूध पीना चाहिए।
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जिन लोगों को दूध से एलर्जी होती है, जिसे लैक्टोज इनटॉलेरेंस भी कहा जाता है। ऐसे लोग डेयरी प्रोडक्ट में पाए जाने वाले लैक्टोज को पचा नहीं पाते हैं और दूध पाने से इन्हें पेट फूलना या पेट में दर्द जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन लोगों को दूध की जगह डाइट में सोया प्रोडक्ट्स और कैल्शियम के अन्य स्त्रोत जैसे ऑरेंज जूस, टोफू और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करने की सलाह ही जाती है।
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कई लोगों का सवाल होता है कि, किस समय दूध पीया जाए? तो आपको बता दें कि खाली पेट दूध पीने से सेहत को नुकसान हो सकता है। इन्हें खाने से शरीर में एसिड का लेवल बढ़ता है। ऐसे में आप रात के समय थोड़ा गर्म दूध पी सकते हैं। गर्म दूध में लैक्टोज कम हो जाता हैं और इससे दस्त और बदहजमी जैसी समस्या नहीं होती। साथ ही गर्म दूध पीने से अच्छी नींद आती है।