यहां रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि, दूध बेचने की बजाय पनीर बेचने में ज्यादा फायदा है। पहले हम लोग पलायन की समस्या से परेशान थे, लेकिन अब तो गांव के युवा भी रोजगार के लिए शहर न जाकर पनीर के व्यवसाय में ही लग जाते हैं, जो गांव के लिए अच्छा संकेत है।