अंबाला, हरियाणा. जिस परिवार को खाने के लाने पड़े हों और उसे मालूम चले कि उसके मासूम बच्चे को गंभीर बीमारी है, तो सोचिए उसके दिल पर क्या बीतेगी? वो भी ऐसी बीमारी, जिसके इलाज पर लाखों रुपए खर्च होने हों। यह दर्द यूपी के रहने वाले मजदूर सदानंद को भी सहना पड़ा। वे पंजाब के पटियाला में मजदूरी करते थे। लॉकडाउन के बाद काम-धंधा बंद हुआ, तो साइकिल पर अपने फैमिली को लेकर घर लौट पड़े। उनके साथ पत्नी और दो बच्चे हैं। जब वे अंबाला पहुंचे, तो तीन साल के बेटे की तबीयत बिगड़ गई। पुलिस की मदद से उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। यहां जब डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे की ओपन हार्ट सर्जरी करनी होगी, तो यह सुनकर मां-बाप को गहरा सदमा लगा। इलाज के लिए लाखों रुपए की जरूरत थी। लेकिन कहते हैं कि अगर जिंदगी बाकी है, तो मदद मिल ही जाती है। जब यह बात अंबाला के विधायक असीम गोयल का पता चली, तो वे अपने एनजीओ और रोटरी क्लब के सहयोग से बच्चे के इलाज का पूरा खर्चा उठाने के लिए आगे आ गए।