क्या प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे के लिए जानलेवा हो सकता है अल्ट्रासाउंड करवाना? जानें कब नहीं करवाना चाहिए

हेल्थ डेस्क. कभी गर्भ में पल रहे बच्चे के बारे में कोई भी कुछ पता नहीं लगा पता था, लेकिन आज का समय है कि सब पेट में बच्चे की एक-एक मूवमेंट पर नजर रखते हैं। उसके विकास के बारे में डॉक्टर्स से जानते रहते हैं। ये सब बस अल्ट्रासाउंड तकनीक की वजह से संभव हो पाया है। इस तकनीक के कारण ही हर कोई बच्चे के बारे में पल-पल की खबर रख पाता है। लेकिन, ऐसे में अब ये सवाल उठता है कि क्या प्रेग्नेंसी टाइम में बार-बार अल्ट्रासाउंड करवाना ठीक है और क्या बच्चे के लिए सुरक्षित हैं? आइए आज जानते हैं इसके बारे में...

Asianet News Hindi | Published : Jan 28, 2021 8:38 AM IST

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क्या प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे के लिए जानलेवा हो सकता है अल्ट्रासाउंड करवाना? जानें कब नहीं करवाना चाहिए

शोधकर्ताओं के हवाले से कहा जा रहा है कि अलग-अलग उम्र से संबंधित कुछ बच्चों पर ये जानने के लिए शोध किया गया कि क्या अल्ट्रासाउंड तकनीक सुरक्षित है? क्या इसका बच्चों के विकास पर कुछ प्रभाव पड़ा है? शोध में मौजूद ऐसे बच्चे भी थे, जिनका पांच बार अल्ट्रासाउंड किया गया था। 

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रिसर्चर्स के हवाले के बताया जा रहा है कि 'अल्ट्रासाउंड का बच्चों के विकास, बातचीत का ढंग, व्यवहार आदि पर किसी तरह का असर नहीं पड़ता है। हालांकि, भ्रूण पर इसका असर जरूर पड़ता है।'

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कुछ विशेषज्ञों के हवाले से कहा जा रहा है कि गर्भावस्था के पहले 18 सप्ताह में अगर बार-बार अल्ट्रासाउंड किया जाए तो भ्रूण पर इसका बहुत मामूली सा असर पड़ता है। हालांकि, शोध के दौरान बच्चों के विकास पर इसका कोई असर नजर नहीं आया।

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एक्सपर्ट्स के हवाले से बताया जा रहा है कि अल्ट्रासाउंड करवाना हर महिला के लिए जरूरी है। इसकी मदद से डॉक्टर्स महिला और उसके गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य पर पैनी नजर रख सकते हैं। सामान्य प्रेग्नेंसी में दो अल्ट्रासाउंड करने का सुझाव दिया जाता है।

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पहला अल्ट्रासाउंड गर्भावस्था की पहली तिमाही में किया जाता है, जबकि दूसरा अल्ट्रासाउंड दूसरी तिमाही के आखिरी चरण में होता है।

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प्रेग्नेंट महीलाओं को कितनी बार अल्ट्रासाउंड करवाना चाहिए, इसे लेकर एक्सपर्ट्स के हवाले से कहा जाता है कि गर्भवती महिला का शारीरिक स्वास्थ्य यह तय करता है कि उसे कितने अल्ट्रासाउंड की जरूरत है। अधिकतम तीन से चार अल्ट्रासाउंड किया जा सकता है, बशर्ते महिला की स्थिति बिल्कुल सही नहीं है।

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एक्सपर्ट भी ज्यादा अल्ट्रासाउंड का सुझाव नहीं देते हैं। भ्रूण की स्थिति ज्यादा खराब होने पर अल्ट्रासाउंड के लिए कहा जा सकता है। अलग-अलग शोधों से यह बात साबित हो चुकी है कि अल्ट्रासाउंड की वजह से भ्रूण के विकास पर किसी तरह का असर नहीं पड़ता है। 

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यहां तक कि जन्म के बाद भी बच्चे का विकास, सोचने-समझने की क्षमता, आध्यात्मिक समझ, बातचीत के तौर तरीके आदि में किसी तरह का कोई प्रभाव नजर नहीं आता है।

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इतना ही नहीं अल्ट्रासाउंड की वजह से बच्चे में किसी तरह की गंभीर बीमारी जैसे कैंसर नहीं होती है। अल्ट्रासाउंड तकनीक गर्भवती महिला के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित है।

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