आयुर्वेदिक दवा से कोरोना के इलाज का दावा, आंध्र प्रदेश की सरकार ने तो शर्तों के साथ मंजूरी भी दे दी

हेल्थ डेस्क. कोरोना संक्रमण को रोकने और वैक्सीन लगवाने के लिए सरकार और प्रशासन लोगों को जागरूक कर रहे हैं। संक्रमण की रोकथाम और संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए सरकार ने गाइड लाइन बनाई है। लेकिन इस गाइडलाइन के खिलाफ कई जगह कोरोना संक्रमण का इलाज आयुर्वेद और अन्य माध्यमों से किया जा रहा है। आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में एक आयुर्वेदिक दवा से कोरोना के इलाज का दावा किया जा रहा है जिसके बाद इस दवा की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। आइए जानते हैं क्या है ये दवा?

Asianet News Hindi | Published : May 31, 2021 10:01 AM IST / Updated: May 31 2021, 06:02 PM IST
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आयुर्वेदिक दवा से कोरोना के इलाज का दावा, आंध्र प्रदेश की सरकार ने तो शर्तों के साथ मंजूरी भी दे दी

कौन दे रहा दवा
आंध्र प्रदेश के नेल्लोर स्थित कृष्णापट्टनम गांव में कोरोना से लड़ने के लिए लोगों को एक आयुर्वेदिक दवा दी जा रही है। यह दवाई आयुर्वेदिक चिकित्सक बी. आनंदैया (B Anandaiya) द्वारा किया जा रहा है। वो इस गांव के सरपंच भी रह चुके हैं। 
 

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लोगों की उमड़ी भीड़
कृष्णपट्टनम गांव में इस दवा को खरीदने के लिए लोगों की लाइन लगने लगी है। शुक्रवार को आंध्र प्रदेश सरकार ने इस आयुर्वेदिक दवा का एफीकेसी रेट और संपूर्ण जानकारी के लिए इसे भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) भेजने का फैसला किया है। इस दवा की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। 

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कोरोना गाइडलाइन को किया जा रहा है नजरअंदाज
कृष्णापट्टनम गांव में इस दवा को लेने के लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। दवा लेने के लिए लंबी-लंबी लाइन लग रही है इस दौरान कोरोना की गाइड लाइन सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं किया जा रहा है।  
 

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उपराष्ट्रपति ने भी मांगी रिपोर्ट
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने केंद्रीय आयुष मंत्री किरेन रिजिजू और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के निदेशक बलराम भार्गव को इस दवा के बारे में रिसर्च करने को कहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि इस मामले में जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपी जाए। 

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दवा का नहीं है साइट इफैक्ट
इस दवा को कोरोना वायरस की आयुर्वेदिक दवाई कहा जा रहा है। इसे स्वास्थ्य पूरक (Health Supplement) या परंपरागत प्रणाली (ट्रेडिशनल मेथड) लोगों की मान्यता पर निर्भर बताया जा रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस दवा का कोई साइड इफैक्ट नहीं है। 
 

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दवाई की हो रही है टेस्टिंग
सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंस (CCRAS) ‘कृष्णपटनम दवा’ की टेस्टिंग कर रही है। आंध्र प्रदेश सरकार अब इस दवा की टेस्टिंग करा रही है। आंध्र प्रदेश आयुष विभाग (Andhra Pradesh Ayush Department) ने जानकारी दी है कि ‘कृष्णपटनम दवा’ की टेस्टिंग CCRAS में  की जा रही है। एक हफ्ते में रिपोर्ट आ सकती है।

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राज्य सरकार ने दी है मंजूरी
सरकार ने बी. आनंदैया की दवा को पाबंदियों के साथ मंजूरी दे दी है। सरकार ने आई ड्रॉप के अलावा अन्य दवाओं को मंजूरी दे दी है। दवा का इंजेक्शन लगाने से मना कर दिया गया है। सीसीआरएएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने आनंदय्या को हरी झंडी दे दी है। हालांकि सरकार ने साफ कर दिया है कि एंटीडिप्रेसेंट दवा से कोरोना के कम होने की गारंटी नहीं दी जा सकती है।

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ऐसे तैयार हुई है दवाई
कहा जा रहा है कि आनंदैया ने प्राकृतिक जड़ी-बूटियों, शहद और मसालों का इस्तेमाल करके पांच अलग-अलग दवाएं तैयार की थीं। इस दवा को उन्होंने कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों, संदिग्धों और फेफड़ों की समस्याओं से झूझ रहे लोगों को दिया। कोविड-19 मरीज की आंख में इस दवा की दो बूंदें डालने के बाद उसके शरीर में ऑक्सीजन का लेवल एक घंटे में 83 से बढ़कर 95 हो जाता है। ऐसा एक रिपोर्ट में कहा गया है। 

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