दाढ़ी रखने वाले हो जाएं सावधान, उन्हें कोरोना से 1000 गुना ज्यादा खतरा है, जान लें इसकी वजह क्या है?

हेल्थ डेस्क। कोरोनावायरस फैलने की कई वजहे हैं। इस महामारी के फैलने के कई कारण हैं। इस महामारी के जीवाणु हवा के जरिए भी फैल सकते हैं। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने इसे लेकर एक नई बात बताई है। कहा जा रहा है कि कोरोना महामारी का फैलाव दाढ़ी जरिए भी हो सकता है। इसका मतलब है कि सिर्फ मास्क पहनने से कोरोना से बचाव नहीं हो सकता। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने कहा है कि मास्क पहनने के बाद भी हवा से फैलने वाली बीमारियों (Mask during Airborne Infection) से बचाव नहीं हो पाता है। यही नहीं, लीकेज की वजह से संक्रमण का खतरा 20 से 1000 गुना तक बढ़ जाता है। जानें इसके बारे में।
(फाइल फोटो)


 

Asianet News Hindi | Published : Apr 10, 2021 7:08 AM IST / Updated: Apr 10 2021, 01:09 PM IST

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दाढ़ी रखने वाले हो जाएं सावधान, उन्हें कोरोना से 1000 गुना ज्यादा खतरा है, जान लें इसकी वजह क्या है?
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मास्क पहनने पर जोर काफी दिया जा रहा है। लोग भी बिना मास्क के घरों से बाहर नहीं निकलते। हालांकि, कई वजहें हैं जिनके चलते मास्क लगाने के बाद भी कोरोना ले पूरी सुरक्षा नहीं मिल पाती। दाढ़ी रखना भी ऐसी ही एक वजह है। आजकल दाढ़ी रखने का फैशन कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। वहीं, लोग धार्मिक वजहों से दाढ़ी बढ़ाते हैं। दाढ़ी की वजह से मास्क चेहरे पर ठीक से लग नहीं पाता। (फाइल फोटो)
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जो लोग दाढ़ी रखने के शौकीन हैं, उन्हें मास्क लगाने से पूरी सुरक्षा नहीं मिल सकती। भले ही दाढ़ी रखने वाले लोग N-25 रेस्पिरेटर मास्क या सर्जिकल मास्क का इस्तेमाल करें, उनका चेहरा पूरी तरह से कवर नहीं हो पाता। ऐसे में, उन्हें संक्रमण होने की संभावना रहती है। बता दें कि साल 2017 में इस पर सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने एक रिसर्च करवाया था। इस रिसर्च के परिणाम से पता चलता है कि चेहरे पर बाल यानी दाढ़ी होने की वजह से मास्क जीवाणुओं से पूरी तरह सुरक्षा नहीं दे पाते। (फाइल फोटो)
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यह जानना जरूरी है कि आखिर मास्क कैसे काम करता है। कोई भी वायरस नाक के जरिए श्वसन नली से होते हुए शरीर में पहुंचता है। इसके बाद फेफड़ों से होते हुए पूरे शरीर में फैल जाता है। वहीं, मास्क पहनने पर मास्क की परतें हवा के लिए फिल्टर का काम करती हैं। इससे हवा फिल्टर होकर नाक के भीतर पहुंचती है। यह ज्यादा साफ होती है। मास्क की खासियत होती है कि इसमें लीकेज नहीं होती है, यानी सांस लेते वक्त किनारों से हवा अंदर नहीं जा सकती है। इससे वायरस नाक से होकर अंदर नहीं जा सकते। लेकिन दाढ़ी होने पर वायरस को अंदर जाने का रास्ता मिल जाता है। (फाइल फोटो)
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ऐसा भी देखा गया है कि दाढ़ी रखने वाले सोचते हैं कि उनके चेहरे पर बालों की वजह से भी हवा फिल्टर होकर उनकी सांसों में जा रही है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने इसे पूरी तरह गलत बताया है। बाल कभी भी मास्क का काम नहीं कर सकते। यही नहीं, मास्क लगाने पर ये मास्क की रेस्पिरेटर सील और चेहरे के बीच आकर सील को ढीला कर देते हैं। यह आंखों से दिखाई नहीं देता, लेकिन इसकी वजह से मास्क में लीकेज का डर 20 से 1000 गुना तक बढ़ जाता है। इससे संक्रमण का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। (फाइल फोटो)
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सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) का मानना है कि चेहरे पर बाल जितने कम होंगे, मास्क उतनी ही अच्छी तरह से फिट होगा। खासकर N-25 रेस्पिरेटर के मामले में चेहरे पर दाढ़ी एकदम नहीं होनी चाहिए। वहीं, ज्यादातर लोग मास्क लगाने का सही तरीका भी नहीं जानते हैं। ठीक ढंग से फिट होने पर मास्क हवा से फैलने वाली बहुत सी बीमारियों से बचा सकता है। एजेंसी फॉर टॉक्सिक सब्सटान्सेज एंड डिजीज रजिस्ट्री (Agency for Toxic Substances and Disease Registry) के पूर्व चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर रॉबर्ट अमलेर (Dr. Robert Amler) का कहना है कि ज्यादातर लोगों को मास्क पहनना नहीं आता है। वहीं, अगर दाढ़ी या मूंछों के साथ मास्क लगाया जाए तो रेस्पिरेटर सील से लीकेज का खतरा काफी बढ़ जाता है। (फाइल फोटो)
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सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने दाढ़ी-मूंछें रखने के शौकीन लोगों के लिए 12 अलग-अलग तरह की स्टाइल अपनाने का भी सुझाव दिया है। इनमें सोल पैच, साइड विस्कर्स, पेंसिल, टूथब्रश, लैंपशेड, जोरो, जेपा, वेलरस, पेंटर्स ब्रश और हैंडलबार स्टाइल शामिल हैं। ये स्टाइल मास्क लगाने कोई दिक्कत पैदा नहीं करते। (फाइल फोटो)
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