पेट सही करने का वैज्ञानिक तरीका: लाइफ स्टाइल में करें ये 3 बदलाव, दूर हो जाएगी टॉयलेट से जुड़ी दिक्कत

नई दिल्ली. किसी भी व्यक्ति के लिए स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। यही वजह है कि सुबह उठने से लेकर शाम को सोने तक व्यक्ति वही एक्टिविटी करने की कोशिश करता है, जिससे वह ठीक रहे। लेकिन, इस दौरान कुछ ऐसी छोटी चीजें होती हैं, जिन्हें हम इग्नोर कर देते हैं, फिर आगे चलकर वह बड़ी दिक्कत बन जाती है। जैसी की Poo, जिसे आसान भाषा में शौचालय या कहें टॉयलेट जाना कह सकते हैं। कई लोगों को इससे काफी दिक्कत होती है। ऐसे में हम तीन ऐसे वैज्ञानिक तरीके बताते हैं, जिसे अपनी लाइफ में बदलकर आप इस समस्या को दूर कर सकते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Sep 26, 2021 8:07 AM IST / Updated: Sep 30 2021, 11:08 AM IST

16
पेट सही करने का वैज्ञानिक तरीका: लाइफ स्टाइल में करें ये 3 बदलाव, दूर हो जाएगी टॉयलेट से जुड़ी दिक्कत

40% लोगों में इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के लक्षण
पब्लिक चैरिटी इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर फंक्शनल गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर (IFFGD) के अनुमान के मुताबिक, लगभग 40% रोगियों में इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) का हल्का रूप है। आईबीएस के कुछ गंभीर नहीं हैं, लेकिन आपने खूब की कमी पर ध्यान नहीं दिया तो आपको किसी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 

26

1- डाइट Poo को कैसे प्रभावित करती है? 
किसी भी इंसान की हेल्थ के लिए डाइट एक बड़ा फैक्टर है। कई तरह के खाद्य पदार्थ पेट में जलन पैदा कर सकते हैं। इन फूड में कटौती कर शौचालय को नियमित बनाया जा सकता है। कम शराब पीने से पेट और आंत से जुड़ी दिक्कते भी कम होंगी। 

36

हेल्थलाइन के मुताबिक, फाइबर वाले फूड पर भी ध्यान देना चाहिए। आप हरी सब्जियां, फल, नट्स और होलग्रेन ब्रेड जैसे खाद्य पदार्थ खा सकते हैं। खूब पानी पीना चाहिए।
   

46

2- क्या एक्सरसाइज मदद कर सकती है?
हां। कॉन्सीपेशन या कहीं कब्ज बहुत ही ज्यादा परेशान करने वाली दिक्कत है। आप एक्सरसाइज के जरिए इसे दूर कर सकते हैं। एक्सरसाइज से मतलब है कि आप का खाना आसानी से पचेगा। अगर आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं तो शरीर उसके हिसाब से ढल जाएगा। फिर खाने के बाद आसानी से पच जाएगा। 

56

3- मेंटल हेल्थ और पू का संबंध
मेंटल हेल्थ और पू का गहरा संबंध है। तनाव और चिंता का सीधा असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है। न्यूट्रिटियनिस्ट एक्सपर्ट माया ईद ने हेल्थलाइन को बताया, तनाव और चिंता हार्मोन को बढ़ाती है, जैसे कोर्टिसोल, एड्रेनालाईन और सेरोटोनिन। 

66

सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर हार्मोन है जो पेरिस्टाल्टिक रिफ्लेक्स में शामिल है। ये खाने को एक जगह से दूसरे जगह भेजने का रास्ता है। मेंटल परेशान होने की वजह से  आपके आंत में सेरोटोनिन की मात्रा बढ़ जाती है और आपके पेट में एंठन होने लगती है। इससे बचने के लिए आपको पढ़ना, व्यायाम करना, काम से समय निकालना और संगीत सुनना ये सभी चीजें हैं जो हमें मेंटल पीस पाने में मदद कर सकती हैं।  

ये भी पढ़ें

लड़की ने सोचा कि वह नौकरी कर रही है, लेकिन एक दिन पता चला, CCTV कैमरे से उसकी एडल्ट फिल्म बन रही थी

घर के अंदर रहस्यमयी दरवाजा देख खुश हुआ कपल, लेकिन खुलते ही निकल पड़ी महिला की चीख

एक दिन में 300 आदमियों से संबंध बनाने वाली पॉर्न स्टार, इंडस्ट्री छोड़ क्यों बन गई प्रोफेशनल रेसलर

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos