World Asthma Day 2022: मुलेठी से लेकर लहसुन तक दमा के खतरे को कम करते है ये 6 सुपर फूड

हेल्थ डेस्क : किसी भी इंसान के जीने के लिए उसकी सांसे चलना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। अगर सांसों में जरा भी रुकावट आए तो इंसान का जीना मुश्किल हो जाता है। सांस की बीमारी यानी कि अस्थमा इस दुनिया की सबसे गंभीर बीमारियों में से एक है, जिससे हर साल न जाने कितने लोगों की जान चली जाती है। इसी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए और इसकी रोकथाम के लिए इस साल 4 मई को विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day 2022) मनाया जाता है। विश्व अस्थमा दिवस ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (GINA) द्वारा आयोजित किया जाता है, जो मई माह के पहले मंगलवार को मनाया जाता है। आज वर्ल्ड अस्थमा डे पर हम आपको बताते हैं ऐसे 6 फूड आइटम जो अस्थमा रोगियों के लिए फायदेमंद होते हैं और उन्हें इसका सेवन रोजाना चाहिए...

Asianet News Hindi | Published : May 3, 2022 2:28 AM IST
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World Asthma Day 2022: मुलेठी से लेकर लहसुन तक दमा के खतरे को कम करते है ये 6 सुपर फूड

मुलेठी 
भारतीय मसाले स्वाद के साथ सेहत के लिए भी बहुत कारगर होते हैं। उन्हीं में से एक है मुलेठी, जो दमे की बीमारी के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसके लिए आधा चम्मच अदरक और एक चम्मच मुलेठी को पानी में मिलाकर इसकी चाय बना लें। रोजाना इसकी चाय पीने से अस्थमा के लक्षणों को कम किया जा सकता है। दरअसल, मुलेठी हमारी श्वास नली को साफ रखती है और इसे सही तरीके से चलने यानी कि सांस लेने और छोड़ने में होने वाली तकलीफ को भी कम करती है, इसलिए इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है।

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दालचीनी 
दालचीनी भी अस्थमा के मरीजों के लिए रामबाण है। इसके लिए एक चौथाई दालचीनी की छड़ को एक कप पानी में मिलाएं। इस पानी को 10 मिनट तक उबालें। इसे गुनगुना होने दें, फिर इसमें शहद मिलाकर इसका सेवन करें। सामान्य अस्थमा पीड़ित लोग दिन में एक बार और गंभीर पीड़ित दिन में दो से तीन बार इस पानी को पिएंगे तो उन्हें जल्दी फर्क नजर आएगा।

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हल्दी 
मसालदान में पड़ी हल्दी खाने को रंगत देने के अलावा औषधि महत्व के लिए भी जानी जाती है। इसमें एंटीबैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं, जो अस्थमा से लड़ने में मदद करते हैं। इसके लिए आप रोजाना हल्दी वाले दूध या फिर कच्ची हल्दी के रस का सेवन कर सकते हैं। बेहतरीन परिणाम के लिए इसे दिन में दो बार जरूर पिएं।
 

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वसाका 
वसाका एक भारतीय जड़ी बूटी है, जिसे मालाबार नट या अडूसा भी कहा जाता है। यह श्वसन नली की सूजन और उसके रास्ते को खोलती है, जिससे सीने में दर्द सांस लेने की तकलीफ से राहत मिलती है। यह बलगम, खांसी में भी मददगार होता है और खासकर अस्थमा के मरीजों को वसाका के जूस, सीरप या कैप्सूल का सेवन करना चाहिए।
 

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लहसुन 
लहसुन सब्जियों का स्वाद ही नहीं बढ़ाता बल्कि इसमें एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं, जो दमा से होने वाले संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं। इसके लिए आप लहसुन की कली को सीधे खा सकते हैं या फिर ऐसे सेंक कर इसका सेवन कर सकते हैं। आजकल मार्केट में लहसुन की कलियों के कैप्सूल्स भी अवेलेबल है जिनका सेवन आप कर सकते हैं।
 

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अजवाइन 
अजवाइन विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होती है, जो हमारी इम्यूनिटी के साथ-साथ अस्थमा के रोगियों के लिए भी काफी फायदेमंद होती है। इसके लिए ताजी अजवायन की पत्ती को ऐसे ही चबाकर या अजवाइन की चाय बना कर रोजाना इसका सेवन करने से लंग्स की सफाई होती है और यह अस्थमा, साइनसाइटिस और खांसी को कम करने में मदद करता है।

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