इस क्रिकेटर के पिता ने पीठ पर कोयला लाद बचपन में पढ़ाया, 2 नंबर से नहीं पास कर पाया था सिपाही का एग्जाम

स्पोर्ट्स डेस्क: 25 अक्टूबर को क्रिकेटर उमेश यादव 33 साल के हो गए। अपना जन्मदिन मना रहे  उमेश यादव की जिंदगी संघर्षों से भरी हुई है। जिस उमेश यादव को आज आप क्रिकेट की दुनिया में राज करते देख रहे हैं, उनका बचपन काफी संघर्षों से बीता है। उमेश यादव का जन्म देवरिया में 1987 में हुआ था। उमेश यादव का पूरा नाम उमेश कुमार तिलक यादव है। प्यार से लोग उन्हें बबलू भी कहते हैं। भारतीय क्रिकेट के तेज गेंदबाज उमेश की जिंदगी उन सभी लोगों के लिए बेहतरीन उदाहरण है, जो हारने के बाद निराश हो जाते हैं। आज हम आपको उमेश यादव की जिंदगी से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे जिन्हें जानने के बाद इस बर्थडे बॉय से आप और भी प्रभावित हो जाएंगे। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 25, 2020 8:59 AM IST
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इस क्रिकेटर के पिता ने पीठ पर कोयला लाद बचपन में पढ़ाया, 2 नंबर से नहीं पास कर पाया था सिपाही का एग्जाम

भूरी आंखों वाले उमेश यादव का जन्म देवरिया में 1987 में हुआ था। उन्होंने 2010 में जिम्बाम्बे के खिलाफ अपने एकदिवसीय करियर का पर्दापण किया था। इंडियन क्रिकेट टीम और आईपीएल में उमेश यादव 19 नंबर की जर्सी पहनते हैं। 

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उमेश यादव ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत की थी। इसके बाद से वो आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से खेल चुके हैं। 

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उमेश यादव के परिवार की बात करें तो फैमिली में उनके पिता तिलक यादव हैं। वो कोयला खान  कर्मचारी रह चुके हैं। इसके अलावा परिवार में उनकी मां और दो भाई भी हैं। उमेश यादव की एक बहन भी है। 
 

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उमेश यादव का बचपन काफी गरीबी में बिता था। कोयला मजदूर पिता ने काफी मेहनत कर बेटे को पढ़ाया लिखाया। घर चलाने के लिए पैसों की काफी किल्लत होती थी। लेकिन उमेश यादव के पिता ने तीन बेटों और एक बेटी को किसी बात की कमी महसूस नहीं होने दी। 

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2011 में उमेश यादव की मां की मौत हो गई थी। उन्हें डायबिटीज था। पैसों की कमी के कारण वो अपनी मां का इलाज नहीं करवा पाए थे। दवाइयों का खर्च परिवार की जरुरत से ज्यादा हो गया था।  

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उमेश यादव हमेशा से भारतीय सेना का हिस्सा बनना चाहते थे। लेकिन उनका फॉर्म वहां से रिजेक्ट हो गया। इसके बाद उमेश काफी निराश हो गए। लेकिन इसके बाद वो पुलिस कॉन्स्टेबल की नौकरी में जुट गए थे। 

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उमेश यादव ने पुलिस कॉन्स्टेबल के एग्जाम को मात्र 2 अंक से क्रैक करने से विफलता पाई। इसके बाद उन्होंने स्थानीय क्रिकेट टूर्नामेंट खेलना शुरू किया, जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे पलट कर नहीं देखा।  

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बात अगर उनके रिकार्ड्स की करें तो 2015 वर्ल्डकप में उन्होंने 18 विकेट हासिल किये थे। इसके साथ ही वो सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय खिलाड़ी बने थे। 

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