छह हजार साल पुराना है इतिहास
इस मंदिर का इतिहास छह हजार साल पुराना बताया जाता है। मंदिर की जिक्र पुराणों में भी मिलता है। मंदिर का निर्माणकला इसके प्राचीन होने का प्रमाण है। कहा जाता है कि मंदिर का निर्माण महाभारत के समय ही कराया गया होगा। यहां इस मंदिर के अलावा सात और मंदिर हैं जिसमें महाकाली मंदिर, सूर्य मंदिर, दस महाविद्या मंदिर, बाबाधाम मंदिर, बजरंगबली मंदिर, शंकर मंदिर और विराट रूप मंदिर शामिल हैं। पश्चिम दिशा से दामोदर और दक्षिण दिशा से भैरवी नदी यहां बहती हैं।