हजारीबाग, झारखंड. लॉकडाउन ने गरीबों की जिंदगी को बेपटरी कर दिया है। दो जून की रोटी के लिए खून-पसीना एक करने वाले मजदूर और गरीब अब दाने-दाने को तरस रहे हैं। रोटी-रोटी गंवाने के बाद हजारों मजदूरों को पैदल ही अपने घरों की ओर जाते देखा जा सकता है। इस अफरा-तफरी के माहौल में गरीब रोज हादसे का शिकार हो रहे हैं।
पति को रोकने निकली थी, मौत ने खींच लिया: यह घटना गरीबों की मजबूरी को दिखाती है। ड्राइवर पति को रोकने बस के साथ-साथ चल रही पत्नी ठोकर लग जाने से पहिये के नीचे आ गई। इससे उसकी मौत हो गई। यह हादसा हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के सारूकुदर गांव में गुरुवार को हुआ। वासुदेव महतो मुंबई में बस ड्राइवर है। वो मुंबई में फंसे प्रवासी मजदूरों को लेकर आया था। वो करीब डेढ़ साल बाद घर लौटा था। गुरुवार शाम उसे मुंबई लौटना था। वासुदेव जैसे ही बस लेकर घर से निकला, पत्नी उसे रोकने लगी। वो पति से बात करने के लिए मोबाइल मांग रही थी। इसी दौरान उसे ठोकर लगी और वो पहिये के नीचे आ गई। आगे देखिए लॉकडाउन में गरीबों की हालत दिखातीं कुछ तस्वीरें