पति के मर्डर के एक साल बाद पॉलिटिक्स में रखा कदम और फिर रच दिया इतिहास

रांची, झारखंड. राजनीति की डगर बेहद कठिन होती है। खासकर तब, जब आप अकेले पड़ गए हों। ऐसे में अगर कोई आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है, तो वो खुद का हौसला। मनोहरपुर विधानसभा से झामुमो की विधायक जोबा मांझी यही उदाहरण पेश करती हैं। उन्होंने राजनीति में कदम हंसी-खुशी के माहौल में नहीं, बल्कि तब रखा, जब घर में गम का वातावरण था। उनके पति की हत्या कर दी गई थी। बहरहाल, जोबा मांझी चौथी बार मंत्री बनी हैं। वे अभिभाजित राज्य में भी मंत्री रही हैं। जोबा को हेमंत सरकार में मंत्री पद मिला है। जोबा आज भी साधारण रहन-सहन से जिंदगी गुजारती हैं। झारखंड बनने से पहले उनका विधानसभा क्षेत्र नक्सलियों का गढ़ रहा है। यहां चिड़िया सेल माइंस और सारंडा के घने जंगलों के कारण विख्यात रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 28, 2020 12:32 PM IST
15
पति के मर्डर के एक साल बाद पॉलिटिक्स में रखा कदम और फिर रच दिया इतिहास
जोबा के पति देवेंद्र मांझी यहां से 1985 में पहली बार विधायक बने थे। 14 अक्टूबर, 1994 को उनकी पति की हत्या कर दी गई। इसके बाद 1995 में जोबा ने इस सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद वे लगातार 2000, 2005, 2014 और 2019 में जीत हासिल करती गईं।
25
पति की मौत के बाद चुनाव लड़ना जोबा के लिए आसान नहीं था। तमाम दिक्कतों के बाद जोबा ने चुनाव लड़ा। सहानुभूति लहर में वे जीत गईं। इसके बाद राबड़ी देवी सरकार में पहली बार दिसंबर 1998 में आवास राज्यमंत्री बनाई गईं।
35
झारखंड अलग होने के बाद भाजपा की अगुवाई वाली बाबूलाल मरांडी की सरकार में जोबा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। इसके बाद 2005 में फिर वे मंत्री बनीं।
45
हालांकि 2009 के चुनाव में जोबा पराजित हो गईं। उन्हें भाजपा उम्मीदवार गुरुचरण नायक ने बुरी तरह हराया था। वे तीसरे नंबर पर रही थीं। इसके बाद जोबा झामुमो में शामिल हो गईं। इसके साथ ही उन्होंने अपने पति द्वारा बनाई पार्टी झरखंड मुक्ति मोर्चा डेमोक्रेटिक का विलय झामुमो में कर दिया। इस बार वे चौथी बार मंत्री बनी हैं।
55
जोबा के पति देवेंद्र मांझी सिंहभूम के कद्दावर आदिवासी नेता थे। वे 1980 में चक्रधरपुर और 1985 में मनोहरपुर से विधायक चुने गए थे।
Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos