रांची, झारखंड. हर खूबसूरत शक्ल के पीछे अच्छी सोच हो, यह जरूरी नहीं। कभी शहरी, तो कभी ग्रामीण परिवेश में नजर आने वाली यह लेडी कोई फिल्मी हीरोइन नहीं है, बल्कि नक्सलियों की लीडर बबीता कच्छप है। यह आदिवासी गांवों में सरकार के खिलाफ खड़े किए गए सशस्त्र आंदोलन पत्थलगढ़ी की मास्टरमाइंड है। इसे पकड़ने के लिए लंबे समय से पुलिस लगी हुई थी, लेकिन पकड़ में नहीं आ रही थी। हैरानी की बात है कि यह लेडी मीडिया के अलावा सोशल मीडिया पर भी बराबर सक्रिय रही। बबीता और दो अन्य नक्सली भाइयों सामू और बिरसा औरेया को गुजरात एटीएस ने महिसागर जिले के संतरामपुर से धर दबोचा है। बबीता रांची-खूंटी के आसपास के आदिवासी गांवों में पत्थलगढ़ी आंदोलन की बागडोर संभाले हुए थे। इसका एक खास साथी यूसूफ पूर्ति अभी फरार है। बबीता की गिरफ्तारी के बाद अब सिर्फ यूसूफ ही संगठन का बड़ा नेता बचा है। बता दें कि जनवरी में पश्चिम सिंहभूम के अति नक्सलप्रभावित गुदड़ी थाना के बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगढ़ी समर्थकों ने यहां के उपमुखिया जेम्स बुढ सहित 7 लोगों को भरी पंचायत में मौत की सजा सुनाने के बाद बेरहमी से मार दिया था। पत्थलगढ़ी समर्थक नहीं चाहते थे कि गांववाले सरकार की किसी भी योजना का लाभ लें। नक्सलियों ने वोटर आइडी, आधार कार्ड और बाकी कागज छीन लिए थे। आगे बढ़ें बबीता और पत्थलगढ़ी आंदोलन की कहानी...