गांव के लोगों ने बताया कि किशन की मां को पिछले तीन साल पहले लकवा मार गया था। जिसके चलते वह बीमार रहने लगी थीं। बेटे से जितना हो सकता था, उससे कहीं ज्यादा उसने मां की जान बचाने के लिए इलाजा कराया। लेकिन इलाज में पैसे खर्च होने के चलते उसकी आर्थिक हालात और खराब हो गई। लॉकडाउन की वजह से कोई काम भी नहीं मिल पा रहा था। जितनी जमा पूंजी थी वह भी खर्च हो गई, इसके अलावा और लोगों से उधार लेकर परिवार का पेट पाला। अंत में उसका वक्त ऐसा आ गया कि वह ठीक से परिवार का पेट भी नहीं भर पा रहा था। (मृतक का भाई)