देश में एक गांव ऐसा भीः जहां नाले का पानी पीने को मजबूर हैं लोग, ना चाहकर भी गुजारते हैं ऐसी जिंदगी

घाटशिला (Jharkhand) । आज लोग स्वच्छ पानी के लिए लोग घरों मे आरओ लगवा रहे हैं। गांवों में सरकार भी हैंडपंप और पानी टंकी का निर्माण करा रही है, लेकिन झारखंड में एक ऐसा भी गांव है, जहां लोग आज भी बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि कि इस गांव के लोग नाले के पानी से ही प्यास बुझाने पर मजबूर हैं। जिसकी कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं, जो मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देती हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jun 7, 2021 7:29 AM IST

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देश में एक गांव ऐसा भीः जहां नाले का पानी पीने को मजबूर हैं लोग, ना चाहकर भी गुजारते हैं ऐसी जिंदगी

पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला अनुमंडल में प्रखंड कार्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर घुटिया सबर बस्ती है। घुटिया सबर नाले के किनारे बसे इस गांव के लोग पानी का सारा काम इसी नाले से करते हैं। बताते हैं कि नहाने-धोने से लेकर पीने का पानी तक इसी नाले से लिया जाता है।

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सबर बस्ती में दो जलमीनार बनाए गए, जिनमें से एक 6 माह से खराब है तो दूसरा पर्याप्त पानी नहीं दे पाता। लॉकडाउन में इन दिनों सबर बस्ती के लोगों के परिवार अपनी रोजी रोटी जंगल में पत्तल बनाकर जुटा रहे हैं।

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पत्तल बनाने का काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि उन्हें एक पत्तल की कीमत 1 रुपया मिलती है। इस कार्य में घर की महिलाएं भी लगी रहती हैं। ऐसे में एक दिन में करीब 100 रुपए उन्हें मिल जाते हैं। 

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सरकार की ओर से इन सभी परिवारों को राशन मिलता है। लेकिन, गांव के लोगों का कहना है कि सबसे अधिक परेशानी बरसात के मौसम में होती है। इन दिनों ये लोग आने वाले दिनों से डरे हुए हैं।

फोटो सोर्स- न्यूज 18

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