रांची, झारखंड. मां-बाप अपने बच्चों के भविष्य के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। यह मामला इसी से जुड़ा है। 1-6 सितंबर तक JEE Main Exams 2020 शुरू हो गए। बोकारो में रहने वाले धनंजय कुमार की बेटी काजोल का सेंटर रांची में था। जब आने का कोई साधन नहीं मिला, तो बेटी उदास हो गई। बेटी का मुरझाया चेहरा पिता से देखा नहीं गया। उन्होंने बाइक उठाई, उस पर बेटी को बैठाया और रांची के लिए निकल पड़े। करीब 12 घंटे के सफर के बाद वे मंगलवार को बेटी का एग्जाम सेंटर पर लाकर ही मानें। पेशे से किसान धनंजय की पत्नी सीआइएसएफ, बोकारो थर्मल में पोस्टेड हैं। बेटी ने सेंटर रांची चुना था। लेकिन कोरोना काल के चलते वहां तक जाने का साधन नहीं मिल पा रहा था। सबसे बड़ी बात..बेटी मां के साथी और पिता नालंदा(बिहार) में। पिता पहले नालंदा से बोकारो पहुंचा और फिर वहां से बेटी को बाइक पर बैठाकर रांची। यानी पिता ने 12 घंटे बाइक चलाई।