रांची, झारखंड. बेरोजगारी देश की एक बड़ी समस्या है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे दूर करने लोगों से आत्मिनर्भर होने की अपील की है। यानी अपना खुद का कुछ करने की पहल। खासकर, जिन लोगों के पास अपने साधन हैं, जैसे कि जमीन आदि...उन्हें नौकरी से ज्यादा अपने खुद के काम पर फोकस करा चाहिए। इन किसानों ने भी नौकरी करने के बजाय खुद कुछ करने की ठानी और आज कोई करोड़पति है, तो किसी को रोटी के लिए किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ रहा। पहली कहानी झारखंड के रांची जिले के देवडी गांव है। इसे लोग एलोवेरा विलेज के रूप में जानते हैं। यहां 2 साल पहले तक गांववाले रोटी-रोटी को मोहताज थे। फिर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय की एक एक परियोजना के तहत लोगों को एलोवेरा की खेती करने को प्रोत्साहित किया गया। शुरुआत में किसानों को लगा कि पता नहीं इससे कमाई होगी कि नहीं, लेकिन आज वे खुशहाल जिंदगी गुजार रहे हैं। बता दें कि एलोवेरा का एक पौधा 15-30 रुपए तक में बिकता है। इस गांव में अब आयुर्वेद और कास्मेटिक बनाने वालीं कई बड़ी कंपनियां आने लगी हैं। आगे पढ़ें सैनिटाइजर ने बढ़ाया उपयोग...