महिला लंबे समय से ई-पास का इंतजार कर रही थी। लेकिन जब इंतजार खत्म नहीं हुआ, तो वो मोपेड से ही निकल पड़ी। महिला ने बताया कि वो 30 जनवरी को बालाघाट आई थी। उसका बेटा नाना-नानी के पास रहकर ही पढ़ रहा है। मार्च में बेटे की परीक्षा को देखते हुए वो यहीं रुक गई थी। फिर वापस नहीं जा सकी। आगे देखें लॉकडाउन के दौरान पैदल घरों को जाते प्रवासी मजदूरों की तस्वीरें...