सांची और अमूल जैसे ब्रांड के पैकेट में भरकर बेचा जा रहा था नकली घी, 2 साल में न जाने कितने लोगों ने खाया होगा

इंदौर, मध्य प्रदेश. यहां मकान किराये पर लेकर एक शख्स पिछले दो साल से नकली घी (Adulteration and fake ghee) बनाने की फैक्ट्री चला रहा था। शुक्रवार को क्राइम ब्रांच ने सूचना के बाद उसकी करतूत का भंडाफोड़ दिया। इलियास कॉलोनी, खजराना में आरोपी सांची-अमूल और नोवा (Sanchi, Amul and Nove Company) जैसे ब्रांड के खाली रैपर छपवाकर उनमें घटिया और दूषित क्वालिटी का घी भरकर दुकानों पर बेच रहा था। वो 300 रुपए प्रति किलो में यह घी दुकानदारों को देता था। दुकानदार उसे 500 से 600 रुपए में बेच देते थे। आरोपी ब्रांड के हूबहू रैपर छपवाता था। इस पर होल मार्क एवं सील भी छपवाता था। पुलिस ने खाद्य विभाग के साथ इस फैक्ट्री पर छापा मारा था। आरोपी का नाम अशरफ पुत्र शमशेर अली है। आरोपी 11 हबीब कॉलोनी, सेक्टर-बी इंडियन जिम वाल गली का रहने वाला है। वो एक बड़े भगाने में यह घी तैयार करता था। यह मकान इरफान गौरी नामक शख्स का है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 26, 2020 6:44 AM IST / Updated: Sep 26 2020, 12:16 PM IST

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सांची और अमूल जैसे ब्रांड के पैकेट में भरकर बेचा जा रहा था नकली घी, 2 साल में न जाने कितने लोगों ने खाया होगा

पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वो पिछले दो साल से यह गोरखधंधा कर रहा था। वो  पैकेट छपवाकर उसमें नकली घी भरता था। आरोपी ने नकली बारकोड भी छपवा लिए थे। घी इंदौर में सियागंज के व्यापारियों के साथ ही उज्जैन और मंदिरों के आसपास बेचा करता था।

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नकली घी बनाने के लिए आरोपी एक बड़े भगोने का इस्तेमाल करता था। वो वनस्पति डालडा या सनफ्लावर तेल के गर्म करके उसमें सुगंधित केमिकल मिला देता था।
 

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पुलिस और खाद्य विभाग ने फैक्ट्री से बड़ी मात्रा में पैकेट और अन्य सामग्री जब्त की है।

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पुलिस को छापे में नकली फैक्ट्री से करीब 500 लीटर नकली घी बरामद हुआ है।

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पुलिस उन व्यापारियों के बारे में भी पड़ताल कर रही है, जिनके जरिये आरोपी नकली घी बाजार में खपाता था।
 

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