इंदौर की इस हनी ट्रैप गर्ल से सावधान: जो कपड़ों की तरह बदलती पति, नेता-अफसरों से बनाए संबंध, जानिए इसकी कुंडली

Published : May 19, 2022, 06:27 PM IST

इंदौर. मध्य प्रदेश का बहुचर्चित हनी ट्रैप मामला एक बार फिर चर्चा में है। क्योंकि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद  हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप गर्ल आरती दयाल को जमानत जो दी है। जिसकी कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। आरती की कहानी में इतने मोड़ हैं कि सुनने वाला भी चकरा जाए। जो एक द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी की बेटी और एक साफ-सुथरे इंसान की पत्नी है। लेकिन वह इस गंदे दलदल में कैसे फंसती चली गई किसी को पता ही नहीं चला। जिसने कपड़ों की तरह तो अपने पति बदले और नेताओं से लेकर बड़े-बड़े अफसरों को अपने हुस्न के जाल में फंसाकर मोटी रकम वसूली। आइए जानते हैं इस हनी गर्ल की पूरी कहानी...

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इंदौर की इस हनी ट्रैप गर्ल से सावधान: जो कपड़ों की तरह बदलती पति, नेता-अफसरों से बनाए संबंध, जानिए इसकी कुंडली

आरती दयाल मूल रुप से छतरपुर की रहन वाली है। 2017 में वह छतरपुर के ही निवासी पंकज दयाल के संपर्क में आई। दोनों में पहले दोस्ती हुई फिर वह  दोनों लिव इन में रहने लगे। इसके बाद उन्होंने शादी कर ली। बताया जाता है कि इसी दौरान उसकी मुलाकात श्वेता जैन से हुई जो देह व्यापार से जुड़ी हुई थी। श्वेता और आरती दोनों मिलकर अमीर लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनसे मोटा पैसा कमाने लगीं। धीरे-धीरे वह सेक्स  रैकेट से जुड़ी अन्य लड़कियों से हुई और वह हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप गर्ल बन गई।
 

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बता दें कि आरती दयाल अपने कागजातों में पति के नाम पंकज दयाल का नाम लिखती है। लेकिन पुलिस पूछताछ के दौरन पंकज ने बतााय कि वह उसका पति नहीं है।  आरती की शादी 2011-12 में फरीदाबाद के रहने वाले अनिल वर्मा से हुई थी। शादी के बाद उसका नाम आरती वर्मा हो गया था। लेकिन शादी के महज एक साल बाद ही वो अपने ससुराल से भाग गई थी और छतरपुर आकर उसने थाने में अपने पति समेत पूरे ससुराल पर मार्च 2014 में दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा का मामला दर्ज करवा दिया था।
 

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आरती ने अपने पति के खिलाई केस दर्ज कराने के बाद हनी ट्रेप में फंसाकर लोगों को ब्लैकमेलिंग का धंधा शुरु कर दिया। जिसके बाद वह छतरपुर छोड़ भोपाल आ गई और यहां आकर वो बड़े बिजनेसैन, नेता और सरकारी अफसरों के संबंध बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करने लगी। राजधानी में आकर वो पूरी तरह से ब्लैकमेलिंग के काले कारोबार में उतर चुकी थी। वह जिस ब्लैकमेलर गिरोह से जुड़ी वह गिरोह करोड़ों रुपए वसूलता था। आरती इस धंधे में आकर कई नाम से मशहूर हो गई। कभी उनका सरनेम अहिरवार तो कभी वर्मा रखने लगी।

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आरती ने अपनी साथी रूपा अहिरवार के साथ इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन को अपने जाल में फंसाया। इसके बाद उससे पैसा कमाने की प्लानिंग की। उसके फोटो-वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने लगी। हरभजन आरती की चाल समझ गया और 17 सितंबर 2019 को 17 सितंबर 2019 को मामला दर्ज कराया। फिर एक-एक करके आरती के खिलाफ कई मामले दर्ज हुए। अब उसकी जमानत हो गई है।
 

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बता दें कि जब 2019 में इन तीनों महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया था तो इनके बारे में खुलासा हुआ था कि इन्होंने नेताओं-अफसरों के पास लड़कियां भेजकर और उनका आपत्तिजनक वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर करोड़ों की कमाई की थी। इन शातिर महिलाओं के मोबाइल से पुलिस को करीब 90 अश्लील वीडियो मिले थे। जानकारी के मुताबिक इन महिलाओं ने 25 से 30 नेता और आईपीएस को अपने जाल में फंसाकर उनके 90 आपत्तिजनक वीडियो बनाए थे। फिर उन्हीं वीडियो के जरिए करीब 15 करोड़ रुपए भी कमाए।
 

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