आरती ने अपने पति के खिलाई केस दर्ज कराने के बाद हनी ट्रेप में फंसाकर लोगों को ब्लैकमेलिंग का धंधा शुरु कर दिया। जिसके बाद वह छतरपुर छोड़ भोपाल आ गई और यहां आकर वो बड़े बिजनेसैन, नेता और सरकारी अफसरों के संबंध बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करने लगी। राजधानी में आकर वो पूरी तरह से ब्लैकमेलिंग के काले कारोबार में उतर चुकी थी। वह जिस ब्लैकमेलर गिरोह से जुड़ी वह गिरोह करोड़ों रुपए वसूलता था। आरती इस धंधे में आकर कई नाम से मशहूर हो गई। कभी उनका सरनेम अहिरवार तो कभी वर्मा रखने लगी।