देवघर, झारखंड. यह हैं मैकेनिक गणेश मंडल। मूलत: पश्चिम बंगाल के रहने वाले गणेश दिल्ली में काम करते थे। काम-धंधा बंद हुआ, तो भूखों मरने की नौबत आ गई। लिहाजा, उन्होंने 5000 रुपए में पुराना रिक्शा खरीदा और अपने घर को निकल पड़े। रिक्शे पर उनकी पत्नी और साढ़े तीन साल की बच्ची बैठी थी। करीब 1350 किमी रिक्शा खींचकर वे देवघर पहुंचे, तो यहां कम्यूनिटी किचन में सबने खाना खाया। इसके बाद आगे निकल गए। रास्ते में एक जगह रिक्शा पंचर हो गया। पंचर सुधारने वाले ने उनसे 140 रुपए वसूल लिए। इतनी परेशानी के बावजूद गणेश के चेहरे पर संतोष था कि अब वे घर के नजदीक हैं। उन्होंने कहा कि अब वे दिल्ली नहीं लौटेंगे। आगे पढ़िये 6 दिन पैदल चली गर्भवती...