भोपाल में ऑक्सीजन की कमी से 10 लोगों की मौत, नर्स चीखती रह गई..सामने थम गईं पापा-भाई और चाचा की सांसे


भोपाल (मध्य प्रदेश). देश में कोरोना महामारी के चलते हाहाकर मचा हुआ है, कई राज्यों में हालात बहुत बुरे हो चुके हैं। जहां स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पूरी तरह से चरमरा चुकी हैं। ना तो अस्पतालों में खाली बेड बचे हैं और ना ही ऑक्सीजन बची है। सिस्टम की मार में संक्रमित मरीज तड़पते हुए दम तोड़ रहे हैं। ऐसी ही एक बड़ी खबर राजधानी भोपाल से सामने आई है, यहां के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के चलते 10 कोरोना मरीजों की मौत हो गई। आलम यह था कि नर्सों के सामने उनको परिजन तड़पते रहे, वह चीखती रहीं, हमे अंदर जाने तो वह मर जाएंगे, लेकिन वह चाहकर भी वो कुछ नहीं कर पाईं। पढ़िए कैसे एक बेटी के सामने उसका परिवार खत्म हो गया...

Asianet News Hindi | Published : Apr 20, 2021 11:38 AM IST / Updated: Apr 20 2021, 05:11 PM IST
15
भोपाल में ऑक्सीजन की कमी से 10 लोगों की  मौत, नर्स चीखती रह गई..सामने थम गईं पापा-भाई और चाचा की सांसे


दरअसल, इस घटना के बाद पीपुल्स अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। लोग अपने परिजनों की जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। हर तरफ एक ही आवाज थी, सिलेंडर ला दो नहीं तो पापा, भाई, चाचा मर जाएंगे। किसी तरह एक नर्स भागते हुए सिलेंडर लेकर आई, लेकिन जब तक देर हो चुकी थी, उसके परिजन दम तोड़ चुके थे। मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने ऑक्सीजन की कमी से मरने की बात को इनकार कर रहा है। मेडिकल कॉलेज के डीन अनिल दीक्षित का कहना है कि  सप्लाई कुछ देर के लिए बाधित जरूर हुई थी, लेकिन इसकी वजह से मौतें नहीं हुई हैं।

25


बताया जा रहा है कि मरीजों के परिजन पिछले कई दिनों से  प्रबंधन शिकायत कर रहे थे कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी। इसके बावजूद भी अस्पताल स्टाफ मरीजों को भर्ती करे जा रहा था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दो दिन पहले सागर के रहने वाले रमाकांत तिवारी की मौत भी इसी वजह से हुई थी। जिसे भी अस्पताल प्रबंधन ने नकार दिया है। वहीं भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कहा कि ऑक्सीजन का फ्लो कम हुआ था, प्रबंधन ने तत्काल बैकअप ले लिया, मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है। यह गलत जानकाीर दी जा रही है।

35


अस्पताल की नर्स पूजा विश्वकर्मा ने अपनी आपबीती बताते कहा कि मेरा 17 साल का भाई भाई मासूम विश्वकर्मा, चाचा सुरेश विश्वकर्मा और पिता मदनलाल 15 अर्पेल को यहां भर्ती थे। तीनों ही तीनों ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे, इसके बाद भी उनको तरफ डॉक्टरों ने ध्यान नहीं दिया। मैंने अपने सामने परिवार के तीन लोगों को खो दिया और कुछ नहीं कर पाई। भाई, चाचा और पिता ने ऑक्सीजन की कमी के चलते तड़त-तड़पकर दम तोड़ दिया। मैं चीखी-चिल्लाई इमरजेंसी में पहुंची और सिलेंडर को लेकर आई तब तक उनकी सांसे थम चुकी थीं। अब मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि मैं क्या करुं, किसके सहारे जिंदा रहूं। मेरा तो सब बर्बाद हो गया। अगर समय पर ऑक्सीजन मिल जाती तो शायद वह जिंदा होते।

45


ये हैं सीहोर के रहने वाले रोहित जिनके पिता पिछले कुछ दिन से पीपुल्स अस्पताल में भर्ती थे। जिन्होंने बताया कि सोमवार सुबह में अपने पापा के ही पास था। इसी बची  ऑक्सीजन लेवल कम होने लगा। उनकी मॉनिटर पर ओटू सप्लाई डाउन लिखा आ रहा था। और बीप की आवाज आ रही थी।  में भागकर डॉक्टरों के पास पहुंचा कि पापा की तबीयत गड़बड़ हो गई है।  पता चला कि ऑक्सीजन ही खत्म हो गई है।

55


बता दें कि मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से जान देने वालों का यह कोई पहला मामला नहीं है। अभी एक दिन पहले शहडोल में 12 लोगों की मौत हो गई है। वहीं एक सप्ताह पहले जबलपुर में भी 5 लोगों ने ऑक्सीजन की कमी के चलते दम तोड़ दिया था। दैनिक भास्कर की खबर के मुताबकि, मध्य प्रदेश में पिछले 13 दिन में 56 लोगों की मौत सिर्फ ऑक्सीजन की कमी से हुई है।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos