देवास हादसा: बुआ के साथ गोद में ही मर गया 1 साल का बच्चा, मासूम का चेहरा देख भावुक हो गई NDRF टीम

देवास (मध्य प्रदेश). एमपी के देवास शहर में मंगलवार शाम साढ़े चार बजे ढहे तीन मंजिला इमारत में दो लोगों की मौत हो गई। जिसमें एक 23 साल की लड़की और एक वर्ष का मासूम बच्चा आहिल शामिल है। जबकि इस हादसे में परिवार के 10 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। पांच बजे से शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन रात रात डेढ़ बजे तक चला, मकान की छत काटी तीन जेसीबी से मलबा हटाया लेकिन, इसके बावजूद भी दोनों को नहीं बचाया जा सका। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर सभी बाहर निकालने का आदेश के बाद भोपाल से एनडीआरएफ की टीम रवाना हुई थी।

Asianet News Hindi | Published : Aug 26, 2020 7:52 AM IST / Updated: Aug 26 2020, 02:52 PM IST
110
देवास हादसा: बुआ के साथ गोद में ही मर गया 1 साल का बच्चा, मासूम का चेहरा देख भावुक हो गई NDRF टीम

बता दें, जिस वक्त यह हादसा हुआ उस दौरान मृतका सिमरन के हाथ में मोबाइल था। मलबे में दबे होने के बावजूद उसने अपने भाई फैजल और परिवार से बात की थी। इस बातचीत में परिवार ने उससे कहा था हिम्मत रखना, घबराना नहीं, तुमको बाहर निकाल लिया जाएगा। सिमरन ने कहा था- भाई आहिल बहुत रो रहा है। वह मेरी गोद में है। पता नहीं हम निकलेंगे या नहीं। इसके बाद संपर्क टूट गया। देर रात दोनों के शव निकाले गए।

210

रात डेढ़ बजे तक एनडीआरएफ की 30 सदस्यीय टीम ने मोर्चा संभाला रखा था। कैमरे डालकर मलबे में दबे तीन लोगों को देखा गया। मकान की कांक्रीट कटर, तीन जेसीबी और क्रेनों की मदद से मलबे को हटाया गया। इतनी कोशिशों की बाद तीन में से सिफ एक बच्चे रिहान (13) को बचा पाए, जबकि सिमरन और मासूम बच्चा आहिल के शव मिले।

310

हादसे में घायल महिला शबाना का इलाज इंदौर के अस्पताल में चल रहा है।


 

410

घर के मुखिया जाकिर शेख की पत्नी अंजुम भी इस हादसे का शिकार हुईं। उन्होंने बताया, जिस वक्त मकान गिरा मैं चाय बना रही थी। हम सभी घरवाले आपस में बात करते हुए हंसी-मजाक कर रहे थे। इसी दौरान अचानक मकान गिरने लगा। हम बाहर भी नहीं निकल सके और मलबे में दब गए। कुछ देर बाद देखा तो मेरा हाथ पिलर के नीचे दबा था और सिर के ऊपर मिट्टी पड़ी थी। धन्यवाद रेस्कयू टीम का जिन्होंने समय रहते  हमको निकाल लिया।

510

इस भयानक हदासे की शिकार हुई जाकिर शेख की बेटी अलीशा ने बताया, जिस वक्त मकान गिरा मैं मोबाइल चला रही थी। इसी दौरान छत हिलने लगा और एक पिलर मेरे ऊपर आकर गिरा। किसी तरह मैं वहां से भागी और बाहर आ गई। लेकिन मेरी बड़ी बहन अक्शा नहीं निकल पाई और दब गई।

610

मलबे से बाहर निकाले गए परिवार के सदस्य जाकिर शेख ने कहा- मकान गिरने के पांच मिनट पहले ही अंदर गया था। पहली मंजिल पर पहुंचा ही था कि मकान गिर गया। मैं एक तरफ था, शायद इसलिए जल्दी निकाल गया। मेरे हाथ में चोट आई है, बाकियों को ज्यादा चोट लगी है।

710

तीन मंजिला मकान का मलबा हटाते हुए स्थानीय लोग और प्रशासन की टीम।

810

इत तस्वीर को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि किस तरह तीन मंजिला मकान जमींदोज हो गया।

910

रेस्क्यू टीम के साथ स्थानीय लोग भी मलबा हटाने में लगे रहे।

1010

बता दें कि शाम पांच बजे से शुरू हुआ रेस्क्यू देर रात तक चला। नगर निगम कमिश्नर विशालसिंह चौहान और ट्रैफिक डीएसपी किरण शर्मा ने रेस्क्यू की कमान संभाल रखी थी। कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला और एसपी डॉ. शिवदयाल सिंह भी पहुंचे। तीन क्रेन, पांच जेसीबी, होम गार्ड की टीम रेस्क्यू ने किया।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos