मृत बच्चों की बड़ी बहन वैशाली गौर ने रोते हुए हादसे का दर्दनाक मंजर बयां किया। कहा- मैं अपने पति नरेश के साथ गंगा दशहरा पर नर्मदा नहाने के लिए जा रहे थे। तभी मामा जी के बच्चे निर्मेश, नमामि (सिद्धी), आयुष, और दीदी का बेटा आदी हमारे साथ जाने के लिए कहने लगे। फिर हम सभी घानाबड़ ब्रिज के पास बने घाट पर स्नान करने करने लगे। जहां अचानक निर्मेश का पैर फिसल गया और वह डूबने लगा उसको बचाने के लिए हम दौड़े तो पता चला कि सिद्धी और आदी भी डूबने लगे। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था, बस रोए जा रही थी, कुछ देर बाद में बेसुध हो गई। इस भयानक हादसे को में जिंदगीभर नहीं भूल पाऊंगी।