ऐसी भी डॉक्टर: बिल नहीं भरा तो बुजुर्ग मरीज को बेड से बांधा, बेटी गिड़गिड़ाती रही लेकिन एक नहीं सुनी

शाजापुर (मध्य प्रदेश). एक तरफ जहां कोरोना काल में मेडीकल स्टाफ और डॉक्टर अपनी जान जोखिम में डालकर दिन रात संक्रमित मरीजों को ठीक करने में जुटे हैं। वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के एक निजी अस्पताल के कर्मचारियों की एक ऐसी शर्मनाक घटना सामने आई है। जो इंसानियात को कलंकित करती है। जहां हॉस्पिटल के स्टाफ ने एक बुजुर्ग मरीज को इलाज का बिल जमा नहीं करने पर पलंग से बांधकर रखा। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 7, 2020 5:58 AM IST / Updated: Jun 07 2020, 11:38 AM IST
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ऐसी भी डॉक्टर: बिल नहीं भरा तो बुजुर्ग मरीज को बेड से बांधा, बेटी गिड़गिड़ाती रही लेकिन एक नहीं सुनी

बता दें कि अमानवीयता की यह घटना शाजापुर के निजी अस्पताल की बताई जा रही है। जहां राजगढ़ जिले से इलाज कराने आए बुजुर्ग लक्ष्मी नारायण  यहां भर्ती हुए थे। पीड़ित की बेटी ने सीमा ने बताया कि अस्पताल ने हमसे दो बार पैसे जमा करवा लिए थे। तीसरी बार फिर जमा करने के लिए कहा गया तो हमने कहा अभी हमारे पास पैसे नहीं हैं बाद में जमा कर देंगे। लेकिन वह नहीं माने और कहने लगे कि जब तक पैसे नहीं दोगे तब तक आपके पिता को यहीं बांध कर रखेंगे। इसके बाद उन्होंने एक मोटी रस्सी से पिता के पैर पलंग से बांध दिए। मैं गिड़गिड़ाती रही, लेकिन उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी।

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जानकारी के मुताबिक, जब इस घटना की जानकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लगी तो दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की करने के आदेश दिए। सीएम ने कहा-शाजापुर के एक अस्पताल में वरिष्ठ नागरिक के साथ क्रूरतम व्यवहार का मामला संज्ञान में आया है। दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा, सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी। मुख्यमंत्री ने शाजापुर कलेक्टर दिनेश जैन ने सीएमएचओ से मामले की जांच करके रिपोर्ट देने को कहा गया। 

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वहीं जब मामले की जांच कलेक्टर दिनेश जैन ने करवाई तो अस्पताल के मैनेजर ने बिल के कारण पलंग से बांधने की बात को गलत बताया। साथ ही अस्पताल संचालक डॉ. वरुण बजाज ने मरीज की बेटी के आरोप को झूठा बताते हुए कहा- ऐसे मरीजों को कंट्रोल करने के लिए ऐसा किया जाता है। उसको पेट में तकलीफ थी, जिसके चलते हमने उसे नली डाली हुई थे। ऐसे में मरीज पलंग से उठकर भागने की सोचता है।

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शाजापुर के कलेक्टर दिनेश जैन ने बताया कि एसडीएम और डॉक्टरों की टीम से जांच कराई है। जो चीजें सामने आ रही हैं, उसके आधार पर हॉस्पिटल के खिलाफ पुलिस व अन्य अधिनियम में कार्रवाई की जा रही है।

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जानकारी के अनुसार, रानायर गांव के निवासी बुजुर्ग की एक सप्ताह पहले अचानक तबीयत खराब हुई थी। जहां परिजन उसको शाजापुर जिला अस्पताल लेकर गए थे। यहां के डॉक्टरों ने बुजुर्ग को इंदौर ले जाने की सलाह दी, लेकिन परिवार के पास पैसा नहीं होने के कारण पीड़ित को  शाजापुर की प्राइवेट सिटी हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया। जहां वो करीब पांच दिन तक एडमिट रहा। इस दौरान बेटी ने 6 से 7 हजार रुपए का बिल चुकाया, लेकिन बाद में पैसा नहीं होने के चलते वह जमा नहीं कर पाई। 

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