MP बारिश की दर्दनाक कहानियां, कहीं बाढ़ में फंसी महिला ने दिया बच्चे को जन्म, तो कहीं 3 दिन से भूखे बच्चे

ग्वालियर. मध्य प्रदेश में भारी बारिश ने तबाही माचकर रखी हुई है। विंध्य और ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है। हालात बेकाबू हो गए हैं और हजारों घर बेघर हो गए। रोजाना जलप्रलय की डरवानी तस्वीरें सामने आ रही हैं। कहीं को तीन से से भूंखा-प्यासा बाढ़ में फंसा है तो कहीं गर्भवती महिला की पानी के बीच में पुल पर बच्चे को जन्म दिया। आइए जानते हैं ऐसी ही बारिश के कहर की दर्दनाक कहानियां...

Asianet News Hindi | Published : Aug 5, 2021 2:33 PM IST / Updated: Aug 05 2021, 08:10 PM IST
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MP बारिश की दर्दनाक कहानियां, कहीं बाढ़ में फंसी महिला ने दिया बच्चे को जन्म, तो कहीं 3 दिन से भूखे बच्चे


दरअसल, राजगढ़ भारी बारिश की वजह से जगह-जगह पानी भर गया है। नदी नाले उफान पर हैं तो बाढ़ के हालात बन गए हैं। ऐसे में तेज बहाव के चलते एक गर्भवती महिला ऑटो से अस्पताल जाते समय पुलिया पर फंस गई। प्रसूता को दर्द हो रहा था, वह चीखे जा रही थी, किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर क्या किया जाए। ऐसे में रेस्कूय टीम को पता चला तो पुलिस मौके पर पहुंची। सुठालिया थाने की  महिला सब इंस्पेक्टर अरुंधति राजावत और उनकी साथी आरक्षक इतिश्री ने सूझबूझ दिखाई। दोनों ने पहले अस्पताल स्टाफ को पुलिस पर बुलाया और उनके साथ मिलकर महिला की डिलीवरी ऑटो में ही करवाई। जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।
 

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यह कहानी भिंड जिले की है, जहां भारी बारिश की वजह से सिंध नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिसके चलते पूरे इलाके में बाढ़ आ गई है। यहां के सैंकड़ों गांव पानी में फंसे हुए हैं। यहां के मड़वारी गांव की रहने वाली  प्रियंका गोयल नाम की लड़की ने  सोशल मीडिया पर वीडियो जरिए प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। वह रोते हुए कह रही है कि मेरा गांव डूबने वाला है। प्लीज-प्लीज हमें बचा लीजिए, नहीं तो हम मर जाएंगे। इसके बाद गुरुवार दोपहर दो बजे रेस्क्यू टीम पहुंची और लोगों को बाहर निकाला गया।
 

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बारिश की तबाही की यह कहानी ग्वालियर के भितरवार स्थित पवाया ग्राम पंचायत का कुंदरायन गांव की है। जहां के लोग अपनी जान बचाने के लिए पहाड़ियं पर चढ़ गए हैं। लेकिन कुछ ऐसी भी हैं जो पानी के बीच रहने क मजबूर हैं। तस्वीर में दिखाई दे रहा यह परिवार उन्हीं में से एक है। इस परिवार में 1 से 10 साल के 9 बच्चे हैं, जो करीब तीन से भूख-प्यास से बेहाल हैं। वह मां को देखते ही बिलखने लगते हैं। मां बेबसी में बकरी का दूध पिलाकर उनका पेट भर रही है। अभी तक उनकी मदद करने के लिए प्रशासन नहीं पहुंचा है।

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यह तस्वीर शिवपुरी के करैरा के चितरी गांव की है। जहां पूरा गांव पानी में डूबने लगा है। ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए छत पर चढ़ गए हैं। सेना को जब पता चला तो एयरफोर्स के जबांज जवानों ने छत पर खड़े लोगों को हेलिकाप्टर पास ले जाकर लोगों की जिंदगी बचाई। बताया जाता है कि यह लोग रातभर यूं ही छत पर फंसे थे।
 

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यह तस्वीर डबरा तहसील की है, जहां लेदहोरा गांव पानी से डूब गया है। लोग अपनी जान बचाने के लिए छतों पर चढ़े हुए हैं। रेस्क्यू टीम एक  बुजुर्ग महिला को छत से निकलकर सुरक्षित जगह पर लाती हुई।
 

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यह तस्वीर दतिया जिले की है, जहां सेंवढ़ा इलाके में लोग अपनी जान बचाने के लिए एक मंदिर की छत पर जा पहुंचे। रेस्क्यू करते हुए एयरफोर्स की टीम।

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