कभी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ एक ही राज्य हुआ करते थे, इसलिए यहां की जनजातियों के जीवन को भी इस संग्रहालय में बताया गया है। इन जातियों का एक बड़ा समूह बस्तर क्षेत्र में रहता है। मुरिया, माड़िया, हल्बा, भतरा, घुरवा, पनिका कई जनजातियां यहां रहती आई हैं। इस दीर्घा में सिंह ड्योढ़ी, दशहरा रथ, डंगई लाट, शीतला माता, मावली माता गुड़ी, बिमन दीया, बुनकर घर, घड़वा झारा शिल्पी, कुम्हार घर, घोटुल, करमसेनी वृक्ष, रजवार भित्ति चित्र मौजूद है।