पाकिस्तान जेल में बंद शख्स की वतन वापसी, पत्‍नी कर चुकी है दूसरी शादी..मां तस्वीर लेकर भटकती रहती

Published : Sep 16, 2020, 09:37 AM ISTUpdated : Sep 16, 2020, 09:40 AM IST

रीवा (मध्य प्रदेश). गलती से पाकिस्तान सीमा में जाने के बाद किसी भी भारतीय का लौटना बेहद मुश्किल हो जाता है। क्योंकि दुश्मन देश उसे जासूस बताकर सलाखों के पीछे डाल देता है।  उसकी पूरी जिंदगी इसी इंतजार में गुजर जाती हैं कि कब वह वतन लौटेगा। ऐसा ही एक मार्मिक कहानी मध्य प्रदेश के रीवा जिले के शख्स अनिल साकेत की है। जो पिछले पांच साल से लाहौर जेल में बंद है, अब खबर सामने आई है कि पाकिस्तान सरकार उसको रिहा करने जा रही है। यह खबर को सुनते ही परिवार बेचैन है कि उनका बेटा कितनी जल्दी घर पहुंचे। हालांकि अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन जल्द ही उसे रिहा कर दिया जाएगा।

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पाकिस्तान जेल में बंद शख्स की वतन वापसी, पत्‍नी कर चुकी है दूसरी शादी..मां तस्वीर लेकर भटकती रहती

दरअसल, रीवा जिले के छदहाई गांव का रहने वाला अनिल साकेत 3 जनवरी 2015 को अचानक घर से लापता हो गया था। परिजन अपने लापता बेटे की खोज करते रहे, कई बार थाने गए, पुलिस ने भी युवक को खोजने की काफी कोशिश की, लेकिन उसका कहीं कुछ पता नहीं चला। इस तरह माता पिता और युवक की पत्नी को खोजते-खोजते 3 साल गुजर गए, उसके लौटने की आस छोड़ दी थी। फिर साल 2019 में खबर मिली कि अनिल पाकिस्तान जेल में बंद है।

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जून 2019 में भारत सरकार के विदेश विभाग मंत्रालय ने रीवा पुलिस को एक चिट्टी भेजी। जिसमें  अनिल साकेत के 3 साल से लाहौर जेल में बंद होने की खबर थी और उसके बारे में जानकारी मांगी गई थी। जिसके बाद युवक की जानकारी पाकिस्‍तान को दी गई और उसके भारत लाने की कवायद तेज कर दी गई।
 

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पुलिस को युवक के परिजनों ने बताया था कि उनका बेटा अनिल मानसिक रूप से कमजोर था, कभी वह अपने घर का रास्ता भूल जाता था। इसलिए आशंका है कि भटकते-भटकते वह देश की सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गया होगा। उसकी दिमागी हालत की जानकारी पाकिस्‍तान को दी गई थी। जिसके बाद उसे वापस भेजने की तैयारी की।

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बता दें कि अनिल की शादी हो चुकी थी, पत्नी ने तीन साल तक उसके लौटने ता इंतजार किया। लेकिन एक दिन उसने भी उसके वापस आने की उम्मीद छोड़ दी थी। इसलिए महिला ने उसे मृत समझकर अपने मायके चली गई और परिवार ने उसकी दूसरी शादी कर दी।

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 अनिल साकेत की मां आज भी अपने बेटे का लौटने का रोज इंतजार करती है और दरवाजे पर इस इंतजार में बैठी रहती है कि कभी ना कभी उसका बेटा घर लौट आएगा। बता दें कि  जब महिला अपने गांव से बाहर जाती है तो बेटे की फोटो साथ ले जाती है और लोगों को तस्वीर दिखाकर उसके बारे में पूछने लग जाती है।

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अनिल साकेत रीवा जिले के छदहाई गांव का रहने वाला  है, वह अपने इसी घर में परिवरा के साथ रहता था।

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