ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की पत्नी का शौर्य को आखिरी सलाम, एकटक देखती रही, आंसू भी नहीं आने दिए, बोली- I Am Sorry

Published : Dec 17, 2021, 01:28 PM ISTUpdated : Dec 17, 2021, 02:22 PM IST

भोपाल। इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) को भोपाल (Bhopal) में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। वरुण की शहादत को हर कोई नमन कर रहा है। इससे पहले गुरुवार को बेंगलुरु (Bangalore) से वरुण की पार्थिव देह भोपाल लाई गई तो लोग अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े। वरुण की बहन दिव्या सिंह डेढ़ घंटे से भाई का इंतजार कर रही थीं। उनके हाथों में पूजा की थाली थी। जैसे ही पार्थिव देह दरवाजे पर आई तो बहन ने ताबूत की आरती उतारी और भाई की शहादत को सैल्यूट दिया। अपार्टमेंट में अंदर पार्थिव शरीर ले जाने से पहले बहन और पत्नी गीतांजलि ने ताबूत को तिलक किया। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की मां उमा सिंह ने कहा कि उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है। जानिए वरुण की पत्नी ने क्या कहा...  

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ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की पत्नी का शौर्य को आखिरी सलाम, एकटक देखती रही, आंसू भी नहीं आने दिए, बोली- I Am Sorry

वरुण सिंह की पत्नी गीतांजलि पार्थिव शरीर के पास पहुंची तो भावुक हो गईं, लेकिन आंखों में आंसू नहीं आने दिए। काफी देर तक एकटक देखती रहीं। इसके बाद उन्होंने पास आकर कहा- वरुण!  I Am Sorry... मेरी कोई बात गलत लगी हो तो मुझे माफ कर देना। इसके बाद उन्होंने बेटा रिद्धिमन को पिता वरुण सिंह की आखिरी निशानी के तौर पर वो कैप दी, जो इंडियन एयरफोर्स की तरफ से परिवार को सौंपी गई थी। 
 

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गीतांजलि ने बेटे से थोड़ी देर तक बात की। माहौल बेहद गमगीन था। इसी दौरान पार्थिव शरीर के पास खड़ी वरुण की बेटी आराध्या पिता की तरफ देखती रही और सैल्यूट करती रही। देखकर ऐसा लग रहा था कि बच्चे समय से पहले बड़े हो गए और हालात भी समझ रहे हैं। एक पल भी पिता से दूर नहीं हुए।
 

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इस सबके बीच, वरुण की मां उमा सिंह ने बहू गीतांजलि के कंधे पर हाथ थपथपाया और कहा कि ये मेरी बहादुर बेटी है...वीरांगना है। मुझे अपनी बेटी पर गर्व है। पिता केपी सिंह ने ताबूत खोलकर आखिरी बार परिवार को वरुण का चेहरा दिखाया। मां ने अगरबत्ती लगाई और बेटे की एयरफोर्स की कैप को बांहों में भर लिया।

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वरुण की मां का कहना था कि ‘मैंने अपने बेटे को आजाद कर दिया है। हमने अपने परिवार के साथ वरुण का हाथ पकड़कर उसे आजाद किया। उससे कहा कि वह अपने आपको हम में लिप्त मत रखना। तुम एयरफोर्स के लिए फ्लाइंग के लिए जिये हो। तुम्हारा पैशंस और तुम्हारा प्यार है। वरुण के अंदर एक क्वालिटी थी- वह प्रोत्साहित करता था। वह 23 दिसंबर को घर आने वाला था।’ 

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मां उमा कहती हैं कि ‘मैं भी एक मां हूं। मैं भी अपने बच्चे को बचाना चाहती थी। मुझे ये दुख है कि ईश्वर ने वरुण को 8 दिन इतना कष्ट क्यों दिया? हादसे वाले दिन चला जाता तो ठीक रहता। कोई बात नहीं थी, उसे सिर्फ डीएनए टेस्ट देना होता। कोई जरूरी था कि वह बोल कर अपना नाम पता और नंबर बताएं। एक मां की तरह बहुत दर्द होता है वह तकलीफ होती है। जाना तो सबको है।’ 

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वे कहती हैं कि ‘मैंने ईश्वर से पूछा- ऐसा क्यों किया? मैंने अस्पताल में उसे कहा भी था कि तू चला जा बेटा... हम तुझे आजाद करते हैं। बेटा गौरवपूर्ण गया है। इतनी इज्जत, प्यार और सम्मान मिला है, यही मेरी ताकत है। अपनी किस्मत से आया, अपनी किस्मत से जिया, अपनी किस्मत से लड़ा और अपनी किस्मत से चला गया।’

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वरुण सिंह के पिता केपी सिंह और मां भोपाल स्थित सनसिटी के जिस घर में रहते हैं, उनके अनिल नाम के पड़ोसी ने सोशल मीडिया पर मां के इस वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।

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मां ने कहा कि ‘वरुण मेरी बात सुन रहा है और मुस्कुरा रहा है। वरुण मेरा यह कहना है कि खुश रहो, जितने भी तुम्हारे पैशन्स हैं उन्हें दूसरे के थ्रू पूरा करो। उसने बहुत से लोगों को ट्रेंड किया है। वह उसे पूरा करेंगे।’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘उसकी ट्रेनिंग ने उसे बचाया है। उसके सिर में एक चोट भी नहीं आई। उसके शरीर की एक हड्डी भी नहीं टूटी। वह जलने की वजह से गया। ईश्वर से कहती हूं कि यदि वह गलती करता है तो उसके कान पकड़े और खींचे।’
 

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