प्रवासी सम्मलेन के अंतिम दिन NRI को दी जाएगी ढाई इंच की ये खास पगड़ी, बनाने वाले ने बताया इसका महत्व

इंदौर(Madhya Pradesh). 17वें प्रवासी भारतीय दिवस के तहत इंदौर में चल रहे तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आज तीसरा और अंतिम दिन है। इंदौर में आयोजित 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन के अंतिम दिन मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 57 मेहमानों को प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित करेंगी। गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली और सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी को भी यह सम्मान दिया जाएगा। एनआरआई सम्मेलन की समाप्ति के बाद इंदौर से विदा लेंगे, तो उन्हें मालवा-निमाड़ की मान -सम्मान की प्रतीक पगड़ियों का एक खास मिनिएचर भेंट दिया जाएगा।
 

Ujjwal Singh | Published : Jan 10, 2023 10:08 AM IST
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प्रवासी सम्मलेन के अंतिम दिन NRI को दी जाएगी ढाई इंच की ये खास पगड़ी, बनाने वाले ने बताया इसका महत्व

पगड़ी के इस मिनिएचर को अंतरराष्ट्रिय स्तर के लोकनर्तक और बड़वाह के रहने वाले संजय महाजन ने बनाया है। संजय महाजन अपने पूरे समूह के साथ इसी प्रवासी भारतीय सम्मेलन में लोक नृत्यों की प्रस्तुति दे रहे है। संजय द्वारा बनाई गई मालवी और पेशवा पगड़ी के मिनिएचर का 50 सेट मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग ने तैयार करवाए हैं। विभाग द्वारा सभी मिनिएचर को प्रवासी भारतीयों को भेंट की जाएगी।

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पूरे भारत सहित मध्य प्रदेश शासन के कई कल्चरल इवेंट में एकल और समूह के साथ नृत्य प्रस्तुति दे चुके संजय महाजन ने बताया कि लोक नर्तक होने के नाते वे पहले से ही पर्यटन विभाग के अधिकारी उनसे संपर्क में थे। 
 

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संजय लोक नृत्य के साथ पुतलीघर भी संचालित करते है। इसमें वे धार्मिक, सांस्कृतिक प्रसंगों पर आधारित पुतलिया बनाते है। इसी दौरान पर्यटन विभाग ने एनआरआई सम्मेलन के लिए छोटी पगड़ी बनाने के लिए कहा तो उन्होंने निमाड़ी और पेशवा पगड़ी का एक मिनिएचर बनाकर उन्हें दिया। 

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अधिकारियों के निमाड़ी, पेशवा पगड़ी के महत्व के बारे में पूछने पर संजय ने बताया कि पहले के समय में पगड़ी ही किसी भी व्यक्ति के मान का प्रतीक होती थी। संजय ने बताया कि सामान्य रूप से ही पगड़ी बांधना इतना मुश्किल होता है कि ये काम केवल कुछ लोग ही करते है। लेकिन छोटी पगड़ी बांधना और मुश्किल था। 

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संजय के मुताबिक पगड़ी के लिए उपयोग आने वाले कपड़े को ही काटकर उसकी पगड़ी बनाना शुरू किया। पहले बनने मे काफी दिक्कत आ रही थी। छोटी होने के कारण पगड़ी को फेटे देने मे भी दिक्कत हो रही थी। धीरे-धीरे किसी तरह दस दिनों के भीतर इस काम कोई पूरा किया। इस छोटी सी पगड़ी की लंबाई-चौड़ाई करीब ढाई इंच है।

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