पिता ने अपने हाथों से किया था अंतिम संस्कार: दरअसल, हैरान कर देने वाली यह कहानी छतरपुर जिले में डिलारी गांव की है। यहां के रहने वाले मजदूर भगोला आदिवासी का बेटा उदय आदिवासी तीन साल पहले अचानक गायब हो गया था। जिसकी उन्होंने काफी खोजबीन की, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। कुछ दिन बाद पिता को मौनासईया जंगल में एक कंकाल मिला था। जिसकी पहचान भगोला ने अपने बेटे के रूप में की थी। परिजनों ने कंकाल को बेटे का शव समझ उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया था।