मौत की पहेलियां, ऐसा क्या हुआ कि पूरी तरह मिट गए ये परिवार, पढ़िए सामूहिक आत्महत्या की रहस्यमयी घटनाएं

टीकमगढ़, मध्य प्रदेश. पिछले कुछ महीने में देश में सामूहिक आत्महत्या के कई मामले सामने आए हैं। ये घटनाएं एक पहेली बनकर रह गईं। क्योंकि पुलिस की जांच में सहयोग करने वाला घर में कोई नहीं बचा। कहीं, सुसाइड नोट मिले भी, तो उनमें हत्या और आत्महत्या की वजहें स्प्ष्ट नहीं थीं। रविवार को टीकमगढ़ जिले से करीब 40 किमी दूर खरगापुर में एक ही परिवार के 5 लोगों के शव फंदे पर लटकने के मामले ने सबको चौंका दिया है। मरने वालों में परिवार का मुखिया, उनकी पत्नी, बहू-बेटा और 4 साल का पोता है। घटना का पता रविवार को चला था। पुलिस इसे जमीन बेचने के विवाद से जोड़कर देख रही है, लेकिन पूरे परिवार के खात्मे के बाद असली वजह तक पहुंच पाना एक चुनौती है। परिवार के मुखिया 63 साल के धर्मदास सोनी पशु चिकित्सालय से सेवानिवृत्त थे। रविवार जब दूधवाला घर पहुंचा, तब घटना सामने आई। मौके पर पहुंचे धर्मदास के भाई विजय कुमार ने पुलिस को सूचित किया। आगे पढ़िए इसी घटना के बारे में...

Asianet News Hindi | Published : Aug 24, 2020 4:51 AM IST

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मौत की पहेलियां, ऐसा क्या हुआ कि पूरी तरह मिट गए ये परिवार, पढ़िए सामूहिक आत्महत्या की रहस्यमयी घटनाएं

दो कमरे में लटकी मिलीं लाशें
पहले कमरे में धर्मदास के बेटे 28 साल के मनोहर की लाश लटकी मिली। दूसरे कमरे में धर्मदास और उनकी पत्नी पूनादेवी एक साथ फंदे पर लटके मिले। मनोहर का 4 साल का बेटा सानिध्य लकड़ी की रैक, जबकि पत्नी 26 वर्षीय सोनम दरवाजे के कुंदे पर लटकी मिली। पुलिस इसे जमीन बंटवारे से जोड़कर देख रही है। एक जमीन बेचने पर एक करोड़ रुपए मिले थे, जिसे धर्मदास और उसके भाइयों में बांटा गया था। हालांकि पूरा परिवार खत्म होने से यह घटना अभी रहस्य बनी हुई है। आगे पढ़िए मैं जिंदगी से खुश नहीं हूं, यह लिखकर लेडी डॉक्टर ने पूरी फैमिली को दिया जहर का इंजेक्शन, फिर कर लिया सुसाइड
 

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यह सामूहिक हत्या/आत्महत्या की घटना 18 अगस्त को महाराष्ट्र के नागपुर में सामने आई थी। अपनी जिंदगी से नाखुश एक लेडी डॉक्टर ने अपने दो मासूम बच्चों और पति की हत्या के बाद सुसाइड कर लिया था। पुलिस के अनुसार 41 वर्षीय डॉ. सुषमा राणे ने अपने पति धीरज(42) और दोनों बच्चों को इंजेक्शन में कोई दवा भरकर लगाई थी। धीरज राणे नागपुर के रायसोनी कॉलेज में लेक्चरर थे। वहीं, सुषमा राणे नागपुर के ही अवंती हॉस्पिटल में कार्यरत थीं। उनकी दो बेटियां थीं। एक 11 साल और दूसरी 8 साल की। बताते हैं कि परिवार बेहद खुशमिजाज था। फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि लेडी डॉक्टर ने ऐसा कदम उठाया? पुलिस के लिए यह हत्याकांड एक पहेली बन गया है। आगे पढ़िए... क्या गरीबी ले ली थी जान...

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यह चौंकाने वाली सामूहिक आत्महत्या की घटना जून में महाराष्ट्र के पुणे में सामने आई थी। यहां अतुल शिंदे(33), पत्नी जया शिंदे(32) और दो बच्चे ऋग्वेद(6) व अंतरा शिंदे(3) की लाशें मिली थीं। अतुल और जया ने 7 साल पहले लवमैरिज की थी। उनका परिवार इस शादी से नाखुश था। इसलिए वे अलग रहते थे। अतुल स्कूल-कॉलेजों में आई कार्ड बनाने का काम करता था। लॉकडाउन में सबकुछ बंद होने से ये लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। हालांकि यह घटना भी रहस्य बनकर रह गई। आगे पढ़िए...दो परिवार पर टूटा कहर...

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यह मामला जून में अहमदाबाद मे सामने आया था। तस्वीर में नीचे दिखाई दे रहे 4 बच्चे दो परिवारों के हैं। इनके नाम कीर्ति, मयूर, ध्रुव और सानवी हैं। इन सभी की उम्र 7 से 12 साल की थी। इनके और इनके पिताओं के शव घर में मिले थे। (ऊपर के चित्र में मृतक पिता और बेटी)  दोनों भाई कपड़े की दुकान पर काम करते थे। माना जा रहा है कि दोनों भाई आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे। हालांकि यह घटना भी रहस्य बनकर रह गई। आगे पढ़िए..बेटी के घर से भागकर अंतरजातीय प्रेम विवाह से इतना टूटे मां-बाप और भाई की फिर किसी को मुंह नहीं दिखाया
 

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यह मामला फरवरी में महाराष्ट्र के गढ़चविरौली में सामने आया था। बेटी के अंतरजातीय प्रेम विवाह ने एक फैमिली में कोहराम मचा दिया। जब इसकी खबर घर में पता चली, तो मां-बाप और भाई यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके। तीनों ने एक कुएं में कूदकर अपनी जान दे दी। जब इसकी जानकारी बेटी को पता चली, तो उसने भी आत्महत्या करने की कोशिश की। हालांकि उसे बचा लिया गया था। मृतकों की पहचान 50 वर्षीय रविंद्र वरगंटीवार, उनकी पत्नी 43 वर्षीय वैशाली, उनका बेटा 17 वर्षीय साईंराम के रूप में हुई थी। 
 

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