मनीष के पिता सिद्धनाथ विश्वकर्मा ने कहा- पांच-छह दिन पहले बेटे से बात हुई थी। उसने कहा था- दो-तीन महीने बाद दशहरा के आसपास घर आऊंगा। आप आरती (पत्नी) को मायके से ले आना। लेकिन बहू को लाने से पहले बेटे की शहादत की खबर आ गई। मनीष के सुसर मांगीलाल ने बताया- कश्मीर में नेटवर्क की समस्या की वजह से दमाद जी से कम बात होती थी। 6 महीने पहले मुलाकात हुई थी।