चिंटू की शूटिंग के दौरान जब ऋषि कपूर को ताज्जुब हुआ-'मैं इतना बड़ा स्टार और लोग पहचान ही नहीं रहे?'

मुंबई. गुरुवार को दिग्गज फिल्म अभिनेता ऋषि कपूर इस दुनिया से अलविदा कह गए। 67 साल के कपूर कैंसर से जूझ रहे थे। जैसा कि जाहिर है कि ऋषि कपूर को प्यार से 'चिंटूजी' कहकर पुकारा जाता था। इसी टाइटल से वर्ष, 2009 में एक फिल्म भी आई थी। इसे निर्देशित किया था कालजयी फिल्म 'जाने भी दो यारो-1983'  के संवाद लेखक रंजीत कपूर ने। यह फिल्म ऋषि कपूर के जीवन से जुड़ी कहानियों पर ही बनाई गई थी। रंजीत कपूर ने इसे लिखा भी था। इस फिल्म में इस समय के चर्चित अभिनेता इश्तियाक खान ने भी अभिनय किया था। इसके अलावा उन्होंने अपने एक साथी अभिषेक त्रिपाठी के साथ मिलकर फिल्म के लोकप्रिय गीत-'चाय के बहाने' का म्यूजिक भी कंपोज किया था। यह गाना प्रियांशु चटर्जी और कुलराज रंधावा पर फिल्माया गया था। बता दें कि इश्तियाक भोपाल से, जबकि उनके साथी अभिषेक रीवा से ताल्लुक रखते हैं। इस फिल्म की शूटिंग से जुड़े कुछ किस्से इश्तियाक ने asianetnews हिंदी के साथ शेयर किए...

Asianet News Hindi | Published : Apr 30, 2020 5:53 AM IST / Updated: Apr 30 2020, 11:37 AM IST

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चिंटू की शूटिंग के दौरान जब ऋषि कपूर को ताज्जुब हुआ-'मैं इतना बड़ा स्टार और लोग पहचान ही नहीं रहे?'

जैसा कि इश्तियाक ने बताया-चिंटूजी की शूटिंग हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में ज्वालामुखी मंदिर के समीप एक गांव में हुई थी। करीब 30-40 दिन का पूरा शूट यही हुआ था। ऋषि कपूर को गांव के एक गेस्टहाउस में ठहराया गया था। वे रोज मॉर्निंग वॉक पर निकलते। रास्ते में कई लोग मिलते, लेकिन गांववाले उनकी तरफ ध्यान ही नहीं देते थे। एक दिन उन्होंने मस्ती-मजाक में कहा कि वो इतने बड़े स्टार हैं और लोग पहचानते ही नहीं? उनका मानना था कि सबकी दुनिया अलग-अलग है। आप कितने भी बड़े स्टोर हो जाएं, जिन्हें इस फील्ड में रुचि नहीं, उन्हें आपसे कोई मतलब नहीं।

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इश्तियाक बताते हैं-चूंकि फिल्म की पूरी शूटिंग गांव में हो रही थी इसलिए जब ऋषिजी का सीन नहीं भी होता था, तब भी वे बैठकर देखते थे। उस समय मैं फिल्मों में नया था। मैं महसूस करता था कि वे कलाकारों पर पैनी नजर रखते थे। कुछ कमी-खामी होने पर तुरंत उसे ठीक करा देते थे।
(फिल्म के एक सीन में सौरभ शुक्ला के पीछे खड़े हैं इश्तियाक और संवाद करते ऋषि कपूर)

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इश्तियाक बताते हैं-एक सीन में मुझे कोई सामान लेकर भागकर आना था। मैं सीधे ही भागकर आ गया। तब ऋषि कपूर हंसते हुए बोले-सामान में कोई वजन नहीं है क्या, जो सरपट दौड़कर आ गए? अरे यार.. ऐसे आओ..ताकि लगे कि तुम कोई वजनदार सामान लेकर आ रहे हो।
(तस्वीर: सौरभ शुक्ला से संवाद करते इश्तियाक, समीप बैठे हैं ऋषिक कपूर)

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'चिंटूजी' फिल्म के एक गाने-'चाय के बहाने' का इश्तियाक ने अभिषेक त्रिपाठी के साथ मिलकर म्यूजिक कंपोज किया था। इश्तियाक बताते हैं कि ऋषि कपूर का यह गाना बड़ा पसंद आया था। वे अकसर उसे सुनते थे। यह गाना प्रियांशु चटर्जी और कुलराज रंधावा पर फिल्माया गया था।

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इश्तियाक बताते हैं कि चिंटूजी में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा(NSD) के कई कलाकार थे। ऋषि कपूर सबसे यही कहते थे कि एक कलाकार को स्विच ऑन और स्विच ऑफ वाली स्थिति में रहना चाहिए। यानी किरदार में आते ही स्विच ऑन और शूट खत्म होते ही स्विच ऑफ। ऐसा नहीं कि हमेशा एक्टिंग करते रहो।


(फिल्म के एक सीन में कुलराज रंधावा के साथ ऋषि कपूर)
 

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ऋषि कपूर को पीने की आदत थी। शूट के बाद शाम को वे अपनी ही मस्ती में दिखाई देते थे।

(फिल्म के एक सीन में ऋषि कपूर)
 

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