पैदल चलकर थके-मांदे मजदूर पटरियों पर ही सो गए थे। चूंकि ट्रेनों का आवागमन इस समय बंद है, इसलिए मजदूरों को इसकी आशंका नहीं थी कि कोई भी गाड़ी पटरी पर आएगी। लेकिन उन्हें नहीं मालूम था कि सामान की ढुलाई के लिए मालगाड़ियां चलाई जा रही हैं। ये मजदूर जालान से भुसावल की ओर जा रहे थे। यहां से ये शहडोल को रवाना होते। इस घटना ने लॉकडाउन में फंसे हजारों मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने में राज्यों की सरकारों की नाकामी साबित कर दी है। आगे देखिए ऐसे ही कुछ मजदूरों की तस्वीरें..जो सिर पर घर-गृहस्थी और गोद में बच्चा उठाये पैदल ही अपने घरों को जा रहे हैं..