दरअसल, यह दर्दभरी कहानी महाराष्ट्र के चंद्रपुर की है, जहां एक 71 साल के बुजुर्ग की कुछ दिन पहले कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। लेकिन धीरे-धीरे उसकी हालत बिगड़ती चली गई। अब वह ऐंबुलेंस में ही जिंदगी और मौत की जंग लड़ा रहा है। उसका बेटा सागर नारशेट्टीवार अपने पिता को एंबुलेंस में लेकर ऑक्सीजन लगाने के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्तपताल के चक्कर लगा रहा है। वह डॉक्टरों को देखते ही हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने लगता है, सर पापा मर जाएंगे उनको भर्ती कर लीजिए। लेकिन वेंटिलेटर बेड खाली नहीं होने से उसे मना कर दिया जाता है।