मुंबई. शायद किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक ऐसा भी दिन आएगा, जो खुशियों पर ग्रहण बनकर छा जाएगा। कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष लगभग सारे त्योहार सूखे निकलेंगे। जन्माष्टमी पर देशभर में होने वाले दही-हांडी के आयोजन भी देखने को नहीं मिलेंगे। बता दें कि इस बार जन्माष्टमी दो तिथियों 11 और 12 अगस्त को मनाई जाएगी। जन्माष्टमी पर देशभर में दही हांड का आयोजन होता रहा है। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। खासकर महाराष्ट्र और गुजरात में तो दही हांडी एक ऐतिहासिक आयोजन माना जाता है। शायद ऐसा पहली बार होगा, दाही हांडी पर कोरोना के चलते ग्रहण लगा है। छोटे-मोटे आयोजनों को छोड़ दिया जाए, तो इस साल बड़े आयोजन संभव नहीं होंगे। बता दें कि अकेले महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या 5 लाख 15 हजार पार कर चुकी है। इसमें से 17757 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि इसमें से 3 लाख 52 हजार से ज्यादा ठीक हो चुके हैं। मुंबई के भाजपा नेता और दही हांडी आयोजन समिति के प्रमुख राम कदम पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि इस साल घाटकोपर में दही हांडी समारोह नहीं होगा। वहीं, गुजरात में संक्रमितों की संख्या 72 हजार से ज्यादा है। इसमें से 2674 की मौत हो चुकी है। हालांकि यहां भी 55 हजार से ज्यादा रिकवर हो चुके हैं। जानिए क्यों मनाया जाता है दही हांडी समारोह और देखिए कुछ पुरानी तस्वीरें..