मुंबई की बारिश ने तोड़ा 46 साल का रिकॉर्ड, लोगों को बचाने रातभर जुटे रहे 'देवदूत'..हर तरफ दिखी तबाही

Published : Aug 06, 2020, 11:22 AM ISTUpdated : Aug 06, 2020, 11:43 AM IST

मुंबई (महाराष्ट्र). मंबई में पिछले तीन से जारी मूसलाधार बारिश ने और तूफान ने अब रौद्र रूप धारण कर लिया है। लोगों के हालात बद से बदतर हो गए हैं। सब यातायात ठप हो गया, जो जहां था वह वहीं पर फंसकर रह गया। पिछले 12 घंटे में कोलाबा इलाके में इतनी बारिश हुई जितनी कि 46 साल में नहीं हुई। एनडीआरएफ और आरपीएफ की टीम रातभर देवदूत बनकर लोगों को निकालने में जुटी रही। महाराष्ट्र मौसम विभाग और बीएमसी ने गुरुवार को भी मायानगरी में अलर्ट जारी कर रखा है। इसके अलावा लोगों को घर से बाहर निकलने पर भी चेतावनी दे रखी है।

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मुंबई की बारिश ने तोड़ा 46 साल का रिकॉर्ड, लोगों को बचाने रातभर जुटे रहे 'देवदूत'..हर तरफ दिखी तबाही


दरअसल, बुधवार के दिन इस सीजल की सबसे तेज बारिश लोगों को यहां देखने को मिली। मुंबईवासियों को चक्रवात जैसे खतरनाक हवाओं का भी सामना करना पड़ा। हजारों की संख्या में पेड़ टूट गए गिर गए। घरों में पानी घुस गया और लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ टीम ने सड़कों पर नांव चलाई। 

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मुंबई में हो रही मूसलाधार बारिश को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों से आज घर से नहीं निकलने की अपील की है। वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री ठाकरे से इस मामले पर बात कर हालात जाना। साथ हरसंभव मदद की बात कही।

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मूसलाधार बारिश जिस तरह से कहर ढाया है, उससे राजधानी वासियों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो हो गया है। लोकल ट्रेने और बसे जहां थी वह वहीं पर फंस गई, ट्रैक पर पानी भर गया। आलम यह था कि पटरियों पर  एनडीआरएफ टीम ने नांव चलाई ताकि यात्रियों को रेस्क्यू कर निकाला जा सके।

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बता दें कि शहर में बुधवार के दिन बारिश का हाल निसर्ग तूफान से भी ज्यादा खतरनाक नजर आया। जहां एक दिन में 46 साल बाद अगस्त में 12 घंटे में 294 मिमी बारिश हुई। बताया जाता है कि ऐसा भयानक नजारा 1974 में हुई तेज बारिश में देखा गया था, जब 262 मिमी बारिश हुई थी। लेकिन बुधवार को यहां 293.8 एमएम बारिश वह भी तोड़ दिया है।

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मुंबई के कई निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। सायन, माटुंगा, खार सबवे, दादर टीटी, माटुंगा, शेख मिस्त्री दरगाह, पोस्टल कॉलोनी, चेंबूर, चूना भट्टी, मानखुर्द रेलवे स्टेशन, तिलकनगर, अंधेरी सबवे, मिलन सबवे, खार सबवे, दहिसर सबवे, मालाड सबवे, नैशनल कॉलेज (बांद्रा), जोगेश्वरी मालाड, कांदिवली, बोरिवली और दूसरे इलाकों में पानी भर गया।
 

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मुंबई बारिश से इस बार भी काफी नुकसान हुआ है। इसको लेकर बुधवार के दिन मुख्यमंत्री ठाकरे ने बीएमसी और एनडीआरएफ के अधिकारियों के साथ बैठक की। मुंबई में पूरी रात एनडीआरएफ की टीम फंसे लोगों को निकालने की कोशिश करती रहीं।

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तस्वीर में आप साफ तौर पर देख सकते है ंकि किस तरह पूरी रात एनडीआरएफ की टीम फंसे लोगों को निकालने की कोशिश करती रहीं। 

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सड़कों पर बाढ़ जैसी स्थिति नजर आ रही है, ऐसे लग रहा है मानो समुंदर शहर में घुस आया है, तस्वीर में आप देख सकते हैं कि किस तरह लोग पानी से बचने के लिए लाइन लगाकर ब्रिज के सहारे आगे बढ़ रहे हैं।
 

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 बारिश ने जिस तरह से कहर बरवाया है उसकी बदौलत बसें पानी में डूबी नजर आईं।
 

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तेज हवाएं चलने से शहर कई में पेड़ और मोबाइल टावर गिर गए। जिसके चलते कई इलाकों में जाम की स्थिति बन गई। वहीं  मुंबई-नासिक हाइवे पर काफी लंबा जाम लगा रहा।

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