बच्ची के लिए मां का दूध बना जहर, पीते ही थमने लगतीं सांसे, मासूम के लिए PM मोदी ने की 6 करोड़ की मदद


मुंबई. कहते हैं कि मां का दूध नवजात के लिए अमृत होता है, जिससे उनको सुरक्षित और पौष्टिक आहार मिलता है। इतना ही नहीं यह ओषधि का काम करता है जिसके चलते बच्चा कई बीमरियों से लड़ता है। लेकिन मुंबई से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जहां एक बच्चे के लिए उसकी मां का दूध जहर बन गया है। जिसके पीते ही मासूम की सांसे थमने लगती हैं। दरअसल, यह बच्ची  'SMA Type 1' (स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉपी)  नाम की खतरनाक बीमारी से जूझ रही है। जिसके इलाज के लिए दवाईयां विदेश से आती हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 10, 2021 9:22 AM IST / Updated: Feb 10 2021, 03:32 PM IST

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बच्ची के लिए मां का दूध बना जहर, पीते ही थमने लगतीं सांसे, मासूम के लिए PM मोदी ने की 6 करोड़ की मदद


पांच मीहने की बच्ची तारा मुंबई की एक निजी अस्पताल में एडमिट है। जिसके इलाज के लिए अमेरिका से  इंजेक्शन आने हैं। इन जोलगेंसमा नाम के  इंजेक्शनों कीमत कोई लाख दो लाख नही, बल्कि 16 करोड़ है। जिन पर करीब 6.5 करोड़ रुपए का टैक्स लगता है। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस बच्ची की मदद के लिए आगे आए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री के नाम एक पत्र लिखा है, जिसमें फडणवीस ने विदेश से आने वाले इंजेक्शनों को टैक्स फ्री करने की अपील की है। पीएमओ ने भी फौरन इस चिट्टी पर  एक्शन लिया और इंजेक्शनों में  टैक्स की छूट दे दी। जिसकी जानकारी  देवेंद्र फडणवीस ने सोशल मीडिया पर दी है।

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बता दें कि इस बच्ची का इलाज कर रहे  डॉक्टर्स का कहना है कि इस बीमारी में बच्ची की जिंदगी सिर्फ 18 महीने ही बची थी। इसी वजह से अमेरिका से मासूम की लाइफ बचाने के लिए  इंजेक्शन बुलाना जरूरी था। मासूम के माता-पिता की आर्थिक हालत इतनी ठीक नहीं थी कि वह 16 करोड़ दे सकें। मामले की जानकारी जब फडणवीस को पता चला तो उन्होंने पीएम को पत्र लिखकर यह अपील की।

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डॉक्टरों का कहना है कि SMA टाइप 1 एक बड़ी खतरनाक बीमारी है। बताया कि इंसानों के शरीर में एक जीन होता है, जो प्रोटीन बनाता है और इससे मांसपेशियां और तंत्रिकाएं जीवित रहती हैं। लेकिन इस बच्ची के शरीर में यह जीन नहीं था। जिसके चलते उसके बॉडी में कोई प्रोटीन नहीं बन रहा था। ऐसे में तीरा की दिमाग की मांसपेशियां कम एक्टिव थीं, जिससे अन्य कोशिकाएं भी निष्किर्य हो रही थीं। डॉक्टरों के मुताबिक, जीन नहीं होने से तीरा को सांस लेने से लेकर भोजन चबाने तक में परेशानी हो रही थी। SMA बीमारी कई प्रकार की होती है, तीरा में जो बीमारी है वह टाइफ 1 है। जो कि सबसे खतरनाक है।

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वहीं मासूम बच्ची के पिता मिहिर कामत ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि तीरा जन्म के समय बिल्कुल ठीक थी। उसे कोई बीमारी नहीं थी। लेकिन कुछ समय बाद ही उसकी हालत बिगड़ने लगी। जैसे ही तीरा मां का दूध पीती तो उसको दम घुटने लगता था। यानि बच्ची की सांसे अटक जाती थीं। इतना ही नहीं पोलियो का ड्राप पिलाया तो वह भी सांसे रोकने लगती।  जब हमने न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने तीरा को 'SMA TYPE 1'से पीड़ित बताया।
 

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बता दें की तीरा पिछले 13 जनवरी सेअस्पताल में एडमिट है। तीरा के एक फेफड़े ने काम करना बंद कर दिया था। जिसके बाद उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। तीरा के पिता मिहिर एक मल्टीनेशनल आईटी सर्विस कंपनी में जॉब करते हैं। वहीं उनकी पत्नी प्रियंका एक फ्रीलांस इलेस्ट्रेटर हैं। दोनों ने मिलकर अपनी बच्ची के इलाज में फंडिंग के लिए सोशल मीडिया पर एक पेज बनाया। जिससे लोग लगातार उनकी मदद कर रहे हैं। अब तक समाजसेवी लोग उनके  खाते में करीब 16 करोड़ रुपए जमा कर चुके हैं। वहीं  पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस की अपील के बाद मोदी सरकार ने उनके इलाज में टैक्स की छूट देते हुए मदद की है।

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वह पत्र जिसे महाराष्ट्र के पूर्व CM फडणवीस ने बच्ची के इलाज की मदद के लिए प्रधानमंत्री मोदी को लिखा था।
 

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