औरंगाबाद, महाराष्ट्र. कहते हैं कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। जो लोग कुछ अलग करना चाहते हैं, वे कभी हार नहीं मानते। एक किसान परिवार (Farmer family) से ताल्लुक रखने वालीं सवित डकले इसी का उदाहरण हैं। वे हाल में 10वीं की परीक्षा देकर मीडिया की सुर्खियों में आई थीं। यह इसलिए क्योंकि उन्होंने अपनी बेटी से ट्यूशन ली, अंग्रेजी सीखी थी। सविता आगे पढ़ाई जारी रखना चाहती हैं। वे अपने पति के साथ खेती-किसानी में भी बराबर का हाथ बंटाती हैं। लॉकडाउन में बहुत लोगों की हिम्मत जवाब दे गई। रोजगार छूटा और दूसरे अन्य काम भी। लेकिन इंसान की असली ताकत मुसीबत के समय ही सामने आती है। सविता की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। अपने भाई-बहनों में तीसरे नंबर की संतान सविता के पिता एक फैक्ट्री में मजदूर थे। मां सब्जी बेचती थीं। घर की हालत ऐसी नहीं थी कि वे अपने बच्चों को पढ़ा सकें। मजबूरी मे सविता को पढ़ाई छोड़नी पड़ी। वे 10वीं का एग्जाम नहीं दे सकीं। 17 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई। फिर बच्चे भी। लेकिन सविता ने फिर से हिम्मत जुटाई। खेती-किसानी में अपने पति का हाथ बंटाकर कमाई बढ़ाई। इसके बाद अपनी बेटी को अपना गुरु बनाकर पढ़ाई शुरू की। पिछली बार वे फेल हुईं। सविता ने बेटी से अंग्रेजी सीखी। इसके बाद दुबारा परीक्षा दी और पास हुईं। आगे पढ़िए सविता की कहानी...