इस बीमारी का सबसे ज्यादा असर गुजरात के सायला, मोगरानी, टाकली, भिलभवाली, नासेरपुर और महाराष्ट्र के पिपलोद, भवाली, वीरपुर में है। जहां से रोजाना सैंकड़ों लोग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए आ रहे हैं। यह लोग करीब 800 रुपए इस बीमारी का इलाज कराने का देना पड़ रहा है। कुछ अपने वाहनों से यहां तक आते हैं तो कुछ खटिया पर लेटकर इलाज के लिए आ रहे हैं। यहां का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक खुला रहा है। हालांकि कई दिन तो पूरी रात डॉक्टरों को इलाज करना पड़ रहा है।