वहीं, इस हमले में दोषी ठहाए गए अफजल गुरू को 9 फरवरी 2013 को सुबह दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी। जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एसएआर गिलानी को लंबी कानूनी लड़ाई के बाद कोर्ट ने बरी कर दिया था। 2019 में दिल का दौरा पड़ने से गिलानी की मौत हो गई।